राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया द योगा इंस्टीट्यूट इंस्टीट्यूट का उद्घाटन

– मुफ्त प्रवेश के साथ सभी के लिए खुला; 50,000 लोगों के आने की उम्मीद
देहरादून। भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद ने आज भारत के सबसे विशाल वैलनेस फेस्टिवल में विश्व के सबसे पुराने योग केंद्र द योगा इंस्टीट्यूट, मुंबई के शताब्दी समारोह का शानदार उद्घाटन किया। बडी संख्या में मुंबई के गणमान्य लोगों ने इस समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा, ‘‘योग दुनिया की ऐसी सौम्य शक्ति है, जो लोगों, समुदायों और राष्ट्रों को एक साथ ला सकती है। योग सबसे मूल्यवान उपहार है जो भारत ने मानवता और दुनिया को दिया है। द योग इंस्टीट्यूट के 100 वें वर्ष के जश्न के अवसर पर, मैं इस ऐतिहासिक संस्थान और इससे जुड़े सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं, जो लोगों के लाभ के लिए योग की अच्छाई को चारों तरफ फैलाने का बेहतरीन प्रयास कर रहे हैं।‘‘शताब्दी समारोह के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उनकी पत्नी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। समारोह की शोभा बढ़ाने वाले अन्य प्रतिष्ठित अतिथियों में श्री सी. विद्यासागर राव – महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल, श्री देवेंद्र फडणवीस – महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री और केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद वाई. नायक के नाम प्रमुख हैं। समारोह की अध्यक्षता द योगा इंस्टीट्यूट, मुंबई की निदेशक डॉ. श्रीमती हंसाजी जयदेव योगेंद्र ने की। इस समारोह में शामिल अन्य हस्तियों में मुंबई के माननीय मेयर श्री विश्वनाथ महादेश्वर, मोक्षायतन इंटरनेशनल योगाश्रम के संस्थापक पद्मश्री स्वामी भारत भूषण, सीबीआई के पूर्व निदेशक पद्मश्री डॉ डी आर कार्तिकेयन, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और इस्कॉन के श्री गौर गोपाल दास के नाम प्रमुख हैं। समारोह का संचालन स्टार एक्टर और प्रजेंटर कबीर बेदी ने किया। माननीय राज्यपाल श्री सी एच विद्यासागर राव ने इस अवसर पर श्रीमती हंसाजी जयदेव योगेंद्र लिखित पुस्तक ‘योगा फॉर ऑल’ का विमोचन भी किया। तीन वर्षों के श्रम के बाद तैयार यह पुस्तक योगा इंस्टीट्यूट के सौ वर्षीय शोध पर आधारित है। इस समारोह में महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, ‘‘सद्भाव योग की एक बड़ी ताकत है, जो शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करता है और एक व्यक्ति को प्रकृति के करीब लाता है। मैं योग संस्थान को 100 साल पूरे करने और इसे सद्भाव उत्सव के साथ मनाने के लिए बधाई देता हूं।‘‘ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हमेशा योग संस्थान की प्रशंसनीय पहल का समर्थन करेगी। योगा इंस्टीट्यूट, मुंबई की निदेशक डॉ. हंसाजी जयदेव योगेंद्र ने कहा, ‘‘पिछले 100 वर्षों में योगा इंस्टीट्यूट ने जिन लाखों लोगों की जिंदगी को छुआ है, मैं उन सभी की तरफ से भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और उनकी धर्मपत्नी तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से इस समारोह को गरिमा प्रदान की है।‘‘

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