देहरादून। हनी ट्रैप में फंसाकर प्रॉपर्टी डीलर को लूटने वाली ‘हसीना’ अपने साथियों संग पुलिस के हत्थे चढ़ गई है। गैंग ने खुलासा किया कि प्रॉपर्टी डीलर से कुछ खास हाथ न लगने के बाद वह दून के नामी ट्रांसपोर्टर को शिकार बनाने की फिराक में थे।
हनी ट्रैप का यह मामला बीते 11 जनवरी को सामने आया था, युवती समेत गैंग में कुल छह लोग शामिल थे। आरोपितों की पहचान प्रियंका विश्वास (28) पुत्री प्रवीर विश्वास निवासी दुर्गापुर, थाना अरविंद घोष, जिला आसनसोल, पश्चिम बंगाल, हिमांशु नेगी (26) पुत्र नरेंद्र सिंह निवासी मकान नंबर 347 वार्ड दो, राजेश्वरनगर, राजपुर, निखिल (28) पुत्र सुनील कुमार निवासी ग्राम समोली थाना दौसाला मेरठ, शिवा कांबोज (22) पुत्र मनोज व हिमांशु कांबोज (19) पुत्र बिजेंद्र निवासीगण रुकनपुर, थाना भावनपुर, मेरठ के रूप में हुई। जबकि वारदात में शामिल एक आरोपित रवि कांबोज अभी फरार है।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि प्रियंका करीब डेढ़ साल से पति से अलग रह रही है। जब वह पति से अलग हुई तो उसके पास पैसों की कमी हो गई। इस बीच वह हिमांशु के साथ लिव इन में रहने लगी। मगर ढाई महीने पहले उसने आइटी पार्क क्षेत्र में शनि मंदिर के पास एक फ्लैट किराये पर ले लिया। इस दौरान रोजमर्रा के खर्चों के लिए पैसे की कमी होने लगी।
तब उसने पति से मिली लग्जरी कार को बेचना चाहा, मगर कार नहीं बिकी। तब प्रियंका ने ओएलएक्स पर कार की फोटो अपलोड करते हुए संपर्क के लिए अपना मोबाइल नंबर डाल दिया। इसके बाद निखिल ने उस नंबर पर बात की। दोनों में दोस्ती हो गई और निखिल का प्रियंका के फ्लैट पर आना-जाना शुरू हो गया। करीब एक महीने पहले प्रियंका ने वन बीएचके का एक फ्लैट देखा और पेशगी के तौर पर पांच लाख रुपये दे दिए। बाकी के 11 लाख रुपये का इंतजाम नहीं हो पा रहा था।
तब प्रियंका ने हिमांशु नेगी, निखिल और निखिल के दो दोस्तों शिवा व हिमांशु काबोज को अपने फ्लैट पर बुलाया। यहां प्रियंका ने बताया कि उसके पास प्रॉपर्टी डीलर निशांत जैन का मोबाइल नंबर है, उसे लूटकर अच्छी रकम मिल सकती है, जो उनकी जिंदगी बदल देगी। योजना के अनुसार प्रियंका ने पहली बार निशांत को फोन किया। फ्लैट खरीदने की बातचीत के दौरान उसने अपना वाट्सएप नंबर भी दे दिया।
11 जनवरी को एक फ्लैट देखने के बहाने निशांत से प्रियंका की आइटी पार्क के पास मुलाकात हुई, जिसके बाद वह उसे अपने फ्लैट पर ले गई। जहां पहले से मौजूद हिमांशु नेगी, निखिल, शिवा, हिमांशु व रवि कांबोज ने निशांत की पिटाई की और हाथ-पैर बांधकर चार अंगूठी, एक ब्रेसलेट, दो मोबाइल फोन व दस हजार रुपये छीन लिए। इसके बाद जैन को उसी की गाड़ी में डालकर थानो रोड पर बड़ासी गांव के पास गाड़ी समेत छोड़ कर फरार हो गए।
प्लानिंग फेल होने पर हुआ था झगड़ा प्रियंका व उसके दोस्तों से प्रॉपर्टी डीलर से कम से कम चार-पांच लाख रुपये मिलने की उम्मीद थी। लेकिन, जब केवल दस हजार रुपये ही मिले तो जैन के पास रखे एटीएम कार्ड भी छीन लिए। जान से मारने की धमकी देकर उसका पिन भी पूछ लिया। दोनों कार्ड से एटीएम से पैसा निकालने की भी कोशिश की गई, लेकिन इससे भी आरोपितों को कुछ नहीं मिला। इसके बाद सभी में प्लानिंग फेल होने को लेकर काफी कहा-सुनी हुई।
जिम ट्रेनर रह चुका है हिमांशु नेगी
हिमांशु नेगी कुछ समय पहले तक जिम में ट्रेनर था, लेकिन प्रियंका के संपर्क में आने के बाद वह भी शॉर्टकट से अमीर बनने के सपने देखने लगा। ओएलएक्स के जरिए प्रियंका के नए दोस्त निखिल से जब उसकी मुलाकात हुई तो उसे लगा कि उसका सपना जल्द पूरा होने वाला है। निखिल ने मेरठ अपने तीन दोस्तों शिवा, हिमांशु व रवि को भी बुलाकर शामिल कर लिया। निखिल प्रेमनगर के एक इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करने के बाद गुरुग्राम के एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगा था। जबकि बाकी के आरोपित अभी पढ़ाई ही कर रहे थे।
योजना बड़ी, नासमझी पड़ी भारी
प्रियंका व उसके दोस्तों ने योजना तो बड़ी बनाई थी। सभी को उम्मीद थी कि उन्हें पांच-छह लाख रुपये तो मिल ही जाएंगे। लेकिन साजिश रचने में की गई बेवकूफियों ने उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद प्रियंका अपने पुराने मोबाइल नंबर का ही प्रयोग करती रही। इससे जहां पुलिस को उसकी लोकेशन मिल गई, वहीं इलाके के कई सीसीटीवी में आरोपितों की फोटो भी मिल गई। ऐसे में मंगलवार शाम जब आरोपित आइटी पार्क स्थित प्रियंका के फ्लैट पर सामान लेने पहुंचे तो घात लगा कर बैठी पुलिस ने युवती समेत पांच आरोपितों को दबोच लिया। जबकि एक आरोपित रवि कांबोज अभी फरार है।