देहरादून। दून अस्पताल में सर्जरी अब और आसान होगी। अस्पताल में अपेंडिक्स, हार्निया और यूट्रस संबंधी सर्जरी अब लैप्रोस्कोपिक विधि (दूरबीन विधि) से की जाएंगी। मरीजों को अब जटिल ओपन सर्जरी से नहीं गुजरना होगा। इसके बाद दो दिन में ही मरीज को छुट्टी दे दी जाएगी। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने लैप्रोस्कोपी उपकरणों के लिए टेंडर कर दिए हैं।
अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा करने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन लगातार पहल कर रहा है। इसके लिए सबसे पहले नई मशीनों को खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इनमें लैप्रोस्कोपी के उपकरण भी शामिल हैं।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि वर्तमान में दून अस्पताल में सिर्फ गॉल ब्लैडर के ऑपरेशन लैप्रोस्कोपिक विधि द्वारा किए जा रहे हैं, अन्य में ओपन सर्जरी की जा रही है। ओपन सर्जरी में मरीज को आठ से नौ दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता था। लैप्रोस्कोपी के बाद मरीज को महज दो दिन बाद ही छुट्टी दे दी जाएगी।
रोज पांच जनरल सर्जरी
दून अस्पताल में रोजाना पांच जनरल सर्जरी, गॉल ब्लैडर, यूट्रस और अपेंडिक्स के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इसके साथ ही ऑर्थो और ईएनटी के मामले भी होते हैं।
ये होगा फायदा
-छोटा चीरा लगने के कारण ऑपरेशन के स्थान पर नाममात्र का दर्द होता है।
-इंफेक्शन की संभावना भी कम रहती है।
-सामान्य खाना जल्दी शुरू किया जा सकता है, ऑपरेशन के बाद आंत आदि अवयवों के आपस में चिपकने की संभावना कम रहती है।
-अस्पताल में मरीज को कम समय के लिए रखा जाता है।