बंगाल की खाड़ी में उठे भीषण चक्रवाती तूफान के चलते जहां आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु में राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है तो वहीं प्रशासन की तरफ से जानमाल की क्षति कम से कम हो इसके लिए व्यापाक इंतजाम किए गए हैं। हालांकि, साइक्लोन यानि चक्रवाती तूफान कई बार मामूली होते हैं उससे ज्यादा नुकसान नहीं होता है। लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि इसने काफी व्यापक जानमाल की क्षति की है। आइये हम आपको अब बताते हैं इतिहास के पांच खतरनाक साइक्लोन के बारे में-
क्या है चक्रवाती तूफान?
चक्रवाती तूफान यानि साइक्लोन से हुए विनाश के बारे में जानने से पहले आपको बताते हैं कि आखिर ये साइक्लोन है क्या जिसके नाम से हड़कंप मच जाता है। दरअसल, पश्चिमी प्रशांत महासागर और भारत के पास उठने वाले चक्रवाती तूफान को साइक्लोन कहा जाता है। ये समुद्र में उस जगह से उठता है तापमान अधिक होता है। साइक्लोन एंटी-क्लॉकवाइज चलता है। साइक्लोन के भीतर हवा की रफ्तार 140 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है, जबकि आगे बढ़ने की रफ्तार 25 से 35 किमी प्रति घंटे रहती है। साइक्लोन करीब एक हफ्ते तक रहता है।
ये हैं दुनिया के 5 सबसे खतरनाक चक्रवाती तूफान
1. भोला साइक्लोन, पूर्वी पाकिस्तान ( 1970)
भोला चक्रवाती तूफान 8 नवंबर 1970 को बंगाल की खाड़ी से शुरू हुआ था और 12 नवंबर को पूर्वी पाकिस्तान जो अब बांग्लादेश बन चुका है वहां पर पहुंचकर कहर बरपाने लगा। इस चक्रवाती तूफान की भयावहता का अंदाजा आप उस बात से लगा सकते हैं जब है कि इसके प्रभाव में आने से मरने वाले लोगों की संख्या करीब 5 लाख तक बताई जाती है।
पढ़ें- ‘वरदा’ तूफान से निपटने के लिए तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश ने कसी कमर, चेन्नई में बारिश
2. हुगली रिवर चक्रवाती तूफान, 1737
हुगली रिवर साइक्लोन साल 1737 में आने के बाद कलकत्ता और बांग्लादेश में ऐसी तबाही मचाई थी की करीब तीन लाख लोग बेमौत मारे गए थे। इस दौरान बंदरगाहों पर खड़े करीब 20 हजार जहाज बर्बाद हो गए थे। इस साइक्लोन ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया। इसे इतिहास के सबसे खतरनाक साइक्लोन में एक गिना जाता है.
3. हैपोंग टाइफून चक्रवाती तूफान, 1881
साल 1881 में वियतनाम में आये हैपोंग तूफान में भी काफी बर्बादी हुई थी। इसने करीब 3 लाख लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया। साइक्लोन 27 सितंबर 1881 को शुरू हुआ था और 8 अक्टूबर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया।
4. कोरिंगा चक्रवाती तूफान, भारत, 1839
आंध्र प्रदेश के कोरिंगा में 25 नवंबर 1839 को आए इस च्रकवाती तूफान ने करीब 3 लाख लोगों की जिंदगी बर्बाद करके रख दी। इस चक्रवाती तूफान में करीब 25 हजार जहाजों को भी बर्बाद कर दिया।
पढ़ें- ‘वरदा’ से बचने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को किया आगाह
5. बैकरगंज चक्रवाती तूफान, 1876
29 अक्टूबर से लेकर एक नवंबर 1876 तक बैकरगंज चक्रवाती तूफान ने खूब कोहराम मचाया था। इस तूफान में मरनेवालों का आंकड़ा 2 लाख के करीब पहुंच गया था। इस दौरान कई लोग तो उस पानी की तेज रफ्तार में बह गए और कई भूखमरी का शिकार हो गए।