ऐसा अरसे बाद है, जब गुजराती कलाकार और रंगमंच के साधक मनोज जोशी के मशहूर नाटक ‘चाणक्य’ का मंचन एक ही मंच पर दिन में दो बार होगा। वजह यह कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में शामिल होने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसका मंचन देखना है।
प्रख्यात अभिनेता मनोज जोशी कहते हैं कि ऐसा पहली बार है जब देश को अद्भुत प्रधानमंत्री मिला है। वह खुद 24 में 20 घंटे देश की सेवा के लिए समर्पित हैं। ढाई हजार वर्ष पूर्व चाणक्य ने भारत वर्ष का संकल्प कर उसे साकार कर दिखाया था। अब ढाई वर्ष के कार्यकाल में मोदी आधुनिक भारत के निर्माण में अपने समर्पण और रीत से जुटे हैं।
बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में 22 दिसंबर को ‘चाणक्य’ का मंचन दोपहर 12 बजे और दोबारा शाम चार बजे से होगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि पीएमओ से प्रधानमंत्री का जो प्रोटोकॉल आएगा, उसमें इस नाटक का कोई एक मंचन सिर्फ उनके लिए होगा। पीएम के साथ चुनिंदा विशिष्ट लोग व लब्ध प्रतिष्ठित कलाकार मंचन देख सकेंगे। पीएम को उसी दिन डीरेका में भाजपा के बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन को भी संबोधित करना है। ऐसे में वह सम्मेलन के पूर्व या बाद में इस मंचन के दौरान स्वतंत्रता भवन में होंगे।
जोशी ने बताया कि उनकी प्रधानमंत्री से पिछली मुलाकात 16 नवंबर को हुई थी। दो अक्टूबर को चाणक्य के मंचन के दौरान ही मशहूर चित्रकार वासुदेव कामत ने चाणक्य का बेहद भावपूर्ण चित्र तैयार किया था। यह खास तस्वीर चार लाख में बिकी थी। उस राशि के साथ कुल मिलाकर सात लाख 31 हजार का चेक उड़ी हमले के शहीदों के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में भेंट करते वक्त पीएम से कुछ देर की गुफ्तगू भी हुई थी। मनोज जोशी रोमांचित भी हैं कि पीएम उनके मंचन के दौरान बीएचयू में उपस्थित रहेंगे। हालांकि उन्हें अभी तक इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, बस दो बार मंचन करने भर की बात बताई गई है।
पहले देखा था जब मुख्यमंत्री थे
मनोज जोशी बताते हैं कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब एक बार उन्होंने इस चर्चित नाटक चाणक्य को देखा था। अब 22 को दोबारा बतौर पीएम यदि वे मंचन के दौरान उपस्थित होंगे तो अद्भुत क्षण होगा। नाटक के बारे में बताया कि यह दो घंटे 20 मिनट अवधि का मंचन है। इसमें आठ कलाकार मंच पर अभिनय करेंगे। चाणक्य की भूमिका मनोज खुद भावपूर्ण तरीके से निभाते रहे हैं जिसकी हर तरफ मुक्तकंठ प्रशंसा होती रही है।