देहरादून।ये देहरादून शहर है, जहां सड़क पर रफ्तार और जान से खेलती सिटी बस और विक्रम दौड़ते हैं। ठूंस-ठूंसकर सवारियां बिठाना, मनमाफिक रफ्तार से चलना, लोगों पर फब्तियां कसना इनका शगल है। इनमें गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, स्कूली बच्चे भी सफर करते हैं, लेकिन नंबर लगाकर ज्यादा फेरे लगाने की होड़ में लोगों की जान से खिलवाड़ करने से इनके चालक नहीं हिचकते।पुलिस की ओर से भी कार्रवाई नहीं होने से सिटी बस चालकों के हौसले बुलंद हैं। रफ्तार का कहर कितना खतरनाक हो सकता है, इसका नजारा सोमवार को रायपुर खाला के पास देखने को मिल गया।शहर में दौड़ रही सिटी बस और विक्रम चालकों को न यातायात के नियमों की परवाह है और न ही यात्रियों की सुरक्षा की फिक्र। रायपुर में ऐसा ही कुछ देखने को मिला। इस वजह से कोई जनहानि तो नहीं हुई। मगर सिटी बसों और विक्रम के चालकों की ओर से लगातार की जा रही यातायात नियमों की अनदेखी का यह मामला भविष्य के लिए चेतावनी है।रायपुर पुलिस के अनुसार, महाराणा प्रताप चौक से रायपुर की ओर आ रही सिटी बस को खाली देख उसमें महिला और तीन पुरुष सवारियां बैठ गईं। सवारियों के बैठते ही चालक ने बस की रफ्तार बढ़ा दी। बस में बैठी सवारियां उससे कहती रहीं कि बस को थोड़ा धीरे चलाये, लेकिन उसने किसी की एक न सुनी। नतीजा यह हुआ कि रायपुर खाला पहुंचते-पहुंचते बस अनियंत्रित हो गई और मोड़ पर तेज आवाज के साथ पलट गई। सुबह का समय होने की वजह से सड़क पर भीड़ नहीं थी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। बस के पलटने की आवाज सुन आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और बस में फंसे लोगों को बाहर निकाला। इंस्पेक्टर रायपुर चंद्रभान सिंह अधिकारी ने बताया कि बस में सवार एक पुरुष और एक महिला सवारी को हल्की चोटें आईं थीं, जिन्हें अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।