विक्रमों चालकों पर कसेगी नकेल

देहरादून।तमाम कानून और कायदों को धता बताकर शहर में बेखौफ दौड़ रहे विक्रमों पर अब नकेल कसने की तैयारी चल रही। गढ़वाल मंडल आयुक्त व संभागीय परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष डा. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने मोटर व्हीकल एक्ट व परमिट की शर्तानुसार इन्हें संचालित करने के आदेश दिए हैं।आयुक्त के आदेश को परिवहन विभाग शत प्रतिशत लागू करता है तो विक्रमों का रंग भी नीला होने के बजाए काला-पीला कराया जाएगा और ये फुटकर सवारी भी नहीं ढो सकेंगे। हालांकि, परिवहन विभाग आदेश का किस हद तक अनुपालन करा पाएगा, यह संशय कायम है। दरअसल, पहले भी कईं मर्तबा विक्रमों को नियमानुसार चलाने का प्रयास हो चुका है लेकिन राजनीतिक दबाव आड़े आ जाता है।संभागीय परिवहन प्राधिकरण देहरादून की करीब एक साल बाद बैठक हुई तो प्राधिकरण अध्यक्ष डा. पुरुषोत्तम के समक्ष कांट्रेक्ट कैरिज से विक्रमों को स्टेज कैरिज परमिट में परिवर्तित करने का मसला लाया गया। सिटी बस महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने एमवी एक्ट और प्रदेश की परिवहन नियमावली के एक्ट का हवाला देते हुए इसका विरोध किया।दावा किया गया कि चार पहिया वाहन या इससे ऊपर के वाहनों को ही स्टेज कैरिज परमिट दिया जा सकता है। एआरआइ पुणे ने सभी विक्रम को छह सवारी और एक चालक में मंजूरी दी है। छह सवारी की गाड़ी को भी स्टेज कैरिज परमिट नहीं दिया सकता।यही नहीं, डंडरियाल ने आरोप लगाया कि एक्ट को दरकिनार कर परिवहन विभाग विक्रमों को मैक्सी कैब श्रेणी में पंजीकृत कर रहा, जबकि नियमानुसार ऐसा भी नहीं किया जा सकता। विक्रमों का रंग काला-पीला होना चाहिए और ये फुटकर सवारी भी नहीं उठा सकते। परमिट की शर्तानुसार यह गैराज से गैराज तक बुकिंग पर सवारी ले जा सकते हैं।

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