देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नई ओपीडी का जल्दबाजी में उद्घाटन तो कर दिया गया, लेकिन एक पखवाड़े बाद भी सिस्टम ढर्रे पर नहीं आ पाया है।किसी निजी अस्पताल की तरह नजर आने वाली नई ओपीडी बिल्डिंग सरकारी सिस्टम की भेंट चढ़ गई है। हाल यह है कि न मरीजों को यहां बैठने वाले चिकित्सकों की सही जानकारी मिल पा रही है और न ही शौचालय आदि की पर्याप्त सुविधा है। उस पर लिफ्ट भी बंद है। इससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नए ओपीडी ब्लॉक के उद्घाटन के समय अस्पताल प्रशासन का दावा था कि नई बिल्डिंग बनने से सुविधाओं में इजाफा होगा और मरीजों को सहूलियत मिलेगी। अभी भी नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा होने में महीने भर से ज्यादा का समय लग सकता है।यहां ग्राउंड फ्लोर में रजिस्ट्रेशन और दवाइयां मिल रही हैं। इसके बाद प्रथम तल में मनोरोग, माइनर ओटी, रेडियोलॉजी विभाग हैं। इसके बाद सेकेंड फ्लोर में बाल रोग और ईएनटी विभाग, जबकि तीसरे फ्लोर में चर्म रोग की ओपीडी है।स्थिति यह है कि इन सबकी जानकारी देने केलिए न कोई कर्मचारी है और न लिफ्ट ही चल रही है। इतना ही नहीं शौचालय भी अभी तक तैयार नहीं हुए हैं। जो शौचालय बने हैं, उनमें ताले लगे हैं।दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा के अनुसार निर्माणदायी संस्था को जल्द काम पूरा करने को कहा गया है। शौचालय और लिफ्ट की सुविधा सबसे पहले सुचारु कराई जाएगी। यूपीआरएनएन के परियोजना प्रबंधक की चुनाव ड्यूटी लग जाने के कारण कुछ दिक्कत आ रही है।जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, बीमारियों ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी है। बच्चे ही नहीं बुजुर्ग भी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में न केवल शहर बल्कि पहाड़ के दूरस्थ इलाकों व यूपी-हिमाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। वर्तमान समय में अस्पताल की ओपीडी डेढ़ हजार के करीब रहती है। पर पिछले कुछ दिनों से इसमें बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।