राहुल गांधी और सीताराम येचुरी को कोर्ट का समन

मुंबई। ठाणे की एक अदालत ने कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को समन भेजे हैं। अदालत ने इन दोनों नेताओं को मानहानि के इस मामले में 30 अप्रैल को हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। यह मुकदमा संघ कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने दाखिल किया है। मामले में आरोप है कि दोनों नेताओं ने गौरी लंकेश हत्‍याकांड में आरएसएस का हाथ होने की बात कही थी।गौरतलब है कि इस मामले में प्रतीकात्मक तौर पर मात्र एक रुपये के मुआवजे की मांग की गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर का आरोप है कि दोनों नेताओं ने आरएसएस को गौरी लंकेश की हत्या से जोड़कर उसको बदनाम किया है। इस मामले की सुनवाई सिविल कोर्ट के जज जेएस भाटिया कर रहे हैं। याचिका में चंपानेरकर की ओर से आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी और सीताराम येचुरी की आदत किसी भी हिंसा में आरएसएस को बदनाम करने की हो चली है, जिसको रोकने की जरूरत है।याचिका में मांग की गई है कि अदालत ऐसी हिंसक घटनाओं में आरएसएस को घसीटने के इन नेताओं के रवैये पर लगाम लगाने के लिए इन्‍हें निर्देश दे। चंपानेरकर के वकील आदित्‍य आर. मिश्रा ने बताया कि उनके मुवक्किल ने उक्‍त दोनों नेताओं के खिलाफ यह मानहानि का केस पिछले हफ्ते किया था। उल्‍लेखनीय है कि चर्चित पत्रकार गौरी लंकेश की सितंबर 2017 में बेंगलुरु स्थित उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। इस हत्‍याकांड में कथित तौर पर एक दक्षिणपंथी संगठन के सदस्‍यों का हाथ होने का आरोप है।बता दें कि राहुल गांधी और सीताराम येचुरी के खिलाफ ठीक ऐसे ही आरोपों में एक दूसरा आपराधिक मानहानि का केस मुंबई की मेट्रोपोलिटन मजिस्‍ट्रेट की अदालत में भी चल रहा है। यह केस एक अन्‍य आरएसएस कार्यकर्ता ध्रुतिमान जोशी की ओर से दाखिल किया गया है। ध्रुतिमान जोशी पेशे से अधिवक्‍ता हैं। इस मामले में जोशी ने आरोप लगाया है कि आरोपियों और उनसे जुड़ी पार्टियों द्वारा दिए गए बयान मानहानिकारक हैं। आम लोगों की नजर में ऐसे बयान आरएसएस का कथित तौर पर अपमान करते हैं।

 

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