वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपनी असफलताओं को बताते हुए यह स्वीकार किया कि इससे सीख लेकर पहले की तुलना में अब कहीं अच्छे तरीके से मुकाबले के लिए तैयार हैं।
उन्होंने पठानकोट आतंकी हमले को पहली असफलता बताते हुए कहा, ‘हमें उससे सीख मिली और अब हम अधिक तैयार हो गए हैं।‘ उनके लिए दूसरी असफलता वायुसेना का विमान AN32 का लापता होना था। राहा ने बताया, ‘काफी प्रयासों के बावजूद हम उसका पता नहीं लगा सके। हम पीड़ितों के परिवार की मदद कर रहे हैं वह मेरे करियर की बुरी यादों में से एक हैं।‘
इससे पहले अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी पूर्व वायुसेना प्रमुख एस.पी. त्यागी को राहा ने ‘अनुभवी पेशेवर’ बताते हुए कहा था कि उनके साथ ‘आम अपराधी’ जैसा सुलूक नहीं किया जाना चाहिए।
पहली नाकामी: पठानकोट आतंकी हमला
वर्ष 2016 के आरंभ में ही 2 जनवरी तड़के साढ़े तीन बजे पंजाब के पठानकोट एयरबेस में छह आतंकियों ने हमला कर दिया। यह आतंकी हमला लगातार पांच दिनों तक जारी रहा। इस ऑपरेशन में 7 जवान शहीद हो गए जबकि सेना के जवानों ने जवाबी कार्रवाई में जवानों ने 6 आतंकियों को भी मौत के घाट उतार दिया।
दूसरी नाकामी: AN32 विमान लापता
22 जुलाई को भारतीय वायुसेना का AN32 विमान लापता हो गया था। यह विमान चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर जा रहा था। प्लेन में 29 लोग सवार थे। काफी मशक्कत के बाद भी इस विमान के बारे में वायुसेना कुछ पता नहीं लगा सकी।