नई दिल्ली।लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले ही द्रमुक नेता एमके स्टालिन ने केंद्र में तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को नकार दिया है। द्रमुक स्टालिन ने कहा है कि उन्हें केंद्र में तीसरे मोर्चे की सरकार बनने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है। लेकिन सबकुछ आगामी 23 मई को चुनाव नतीजों के बाद ही पता चलेगा। केसीआर के साथ बैठक के बारे में उन्होंने कहा कि यह महज एक शिष्टाचार मुलाकात थी।दरअसल, चुनाव नतीजों से पहले विपक्षी दलों के नेताओं के बीच मुलाकातों को दौर चल रहा है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव केंद्र में तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। उनका मानना है कि यदि 23 मई को चुनाव नतीजों में भाजपा को बहुमत नहीं मिला तो थर्ड फ्रंट के दल गैर-कांग्रेस, गैर-भाजपा सरकार का गठन कर सकते हैं।बता दें कि स्टालिन प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम का समर्थन कर चुके हैं। लेकिन, कल सोमवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन से मिलने उनके आवास पहुंचे थे। दोनों नेताओं में एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत हुई थी। इस मुलाकात के बाद तीसरे मोर्चे की कवायद के संबंध में सियासी अटकलें जोर पकड़ने लगी थीं।वहीं सूत्रों ने बताया कि कल हुई बातचीत में स्टालिन ने राव से कांग्रेस को समर्थन का अनुरोध किया था। वैसे यूपीए-1 में केसीआर मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश के विभाजन को यह सोचकर मंजूरी दी थी कि केसीआर अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर देंगे। बाद में केसीआर ने अपनी पार्टी बना ली और राज्य की सत्ता पर काबिज हो गए। तब से दोनों पार्टियों के बीच संबंधों में खटास आ गई।