बुद्ध पूर्णिमा पर 502 साल बाद दुर्लभ संयोग

हरिद्वार। बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर सुबह से ही श्रद्धालु हर की पैड़ी ब्रह्म कुंड के अलावा आसपास के घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मंदिरों में पूजा अर्चना कर परिवार की सुख शांति की कामना कर रहे हैं।सनातन धर्म में वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों में वैशाख पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। इस दिन दान स्नान का पुण्य फल हजार गुना मिलता है।ज्योतिषाचार्य पंडित शक्ति धर शर्मा शास्त्री के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा पर समसप्तक संयोग बन रहा है। शनि केतु और मंगल राहु का 502 सालों के बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। इससे पूर्व यह संयोग 16 मई 1517 में बना था और आगे ऐसा संयोग 205 वर्ष बाद 2 जून 2224 को बनेगा। इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। क्योंकि इस त्योहार को बहुत ही पवित्र और फलदाई माना गया है।कुछ मीठा दान करने से गोदान को दान करने के बराबर फल मिलता है। पूजा करने के लिए सबसे पहले विष्णु भगवान की प्रतिमा के सामने घी से भरा पात्र रखें इसके साथ ही तिल और चीनी भी रखें।इधर स्नान पर भीड़-भाड़ के चलते यातायात पुलिसकर्मी जगह जगह भीड़ नियंत्रित करते देखे जा रहे हैं। रोडवेज पर भी आम दिनों की अपेक्षा खासी चहल-पहल दिख रही है।

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