अमेज़न इंडिया ने लाँगटर्म सस्टेनेबल पैकेजिंग अभियानों का किया अनावरण

देहरादून। आज अमेज़न इंडिया ने जून, 2020 तक अपनी पैकेजिंग से सिंगल यूज़ प्लास्टिक समाप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की। इस परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम ‘पेपर कुशन’ की शुरुआत है, जो भारत में इसके फुलफिलमेंट सेंटरों में एयर पिलो एवं बबल रैप्स जैसे प्लास्टिक कुशन को प्रतिस्थापित करेंगे। पेपर कुशन का उपयोग पैकेजेस के अंदर खाली स्थान को भरने के लिए किया जाएगा ताकि परिवहन के दौरान उत्पाद सुरक्षित रहे। चुनिंदा फुलफिलमेंट सेंटरों (एफसी) में पर्यावरण के लिए मित्रवत एवं पूरी तरह से रिसाइक्लेबल पैकेजिंग समाधान लॉन्च किए गए हैं और ये साल के अंत तक देश में अमेज़न के सभी एफसी में विस्तारित किए जाएंगे। कंपनी ने सुनिश्चित किया है कि कॉरुगेट बॉक्स एवं पेपर कुशन में इसके पैकेजिंग मटेरियल में 100 प्रतिशत तक रिसाइक्लेबल कंटेंट है, जो पूरी तरह से रिसाइकल किया जा सकता है। पैकेजिंग मेलर्स एवं बबल बैग्स में उपयोग में लाई जाने वाली प्लास्टिक 20 प्रतिशत रिसाईकल्ड कंटेंट से बनी है और इसे भी रिसाइकल किया जा सकता है। अमेज़न इंडिया पैकेजिंग मेलर्स,बबल बैग्स, स्ट्रेचरैप एवं पैकेजिंग में उपयोग में लाए जाने वाले टेप के लिए प्लास्टिक-मुक्त विकल्पों का विकास कर रहा है, जिससे कंपनी को अपनी पैकेजिंग में सभी तरह की प्लास्टिक को खत्म करने में मदद मिलेगी। अमेज़न इंडिया के वाईस प्रेसिडेंट, कस्टमर फुलफिलमेंट,अखिल सक्सेना ने कहा, ‘‘अमेज़न इंडिया सस्टेनेबल सप्लाई चेन के लिए समर्पित है, जो पैकेजिंग मटेरियल का उपयोग ऑप्टिमाईज़ करने, वेस्ट कम करने एवं ईको-फ्रेंडली पैकेजिंग निर्मित करने के लिए टेक्नॉलॉजी का उपयोग करती है। पेपर डनेज की शुरुआत के साथ हम ग्राहकों के ऑर्डर सुरक्षित रखते हुए प्लास्टिक का उपयोग काफी हद तक कम करने में सफल हुए।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम अपनी सप्लाई सेन में सिंगल-यूज़ प्लास्टिक कम करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। आज हमारी 7 प्रतिशत से कम पैकेजिंग सामग्री में सिंगल यूज़ प्लास्टिक है और हम जून, 2020 तक अपने भारत में भवनों में उनका उपयोग पूरी तरह से समाप्त करने के लिए काम कर रहे हैं।

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