नई दिल्ली। हाल ही में गाजियाबाद में तेज रफ्तार ऑडी कार ने एक ऑटो को टक्कर मार दी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद एक बार इस ओर इशारा मिल रहा है कि कैसे युवा इन रोड हादसे में तेजी से निशाने पर आ रहा है। सड़क हादसे पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट दी है, जिसमें पता चलता है कि कैसे हर तीसरा व्यक्ति लड़का या लड़की जवानी में ही सड़क हादसे में मारे गए हैं। साल 2015 में 5-24 साल की उम्र में 48,420 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई। मरने वालों का आंकड़ा और भी ज्यादा है, 15 से 34 की उम्र के 79,000 लोगों की इसी साल सड़क हादसे में मौत हुए है। यह साल 2015 में सड़क हादसे में हुई मौत के आंकड़े हैं जोकि करीब 54 फीसदी हैं। ये जानकारी ये भी बताती है कि कैसे मरने वाले अनुमति प्राप्त सीमा से भी तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते है जिसके चलते 42 फीसद लोगों की मौत हुए है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सड़क सुरक्षा पर नवीनतम वैश्विक स्थिति रिपोर्ट बताती है कि 15 से 29 साल की उम्र में लोगों के मौत की वजह सड़क हादसे रही हैं और ये आंकड़ा आत्महत्या और बिमारियों से मरने वालों से कहीं ज्यादा है।