सपा-कांग्रेस में दोस्ती और दबाव साथ-साथ

लखनऊ । विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के बीच दोस्ती का रंग गाढ़ा करने के प्रयासों के साथ टिकटों की हिस्सेदारी पर दबाव का दांव भी आजमाया जा रहा है। कांग्रेस ने कल अमेठी, रायबरेली की सभी दस सीटों पर नए सिरे से दावा ठोंककर गठबंधन केसाथी पर दबाव बढ़ाया, मगर समाजवादी पार्टी अमेठी व ऊंचाहार सीट छोडऩे को राजी नहीं है। दिनभर चली इस जोर आजमाइश का जवाब आज मिलने की उम्मीद है। समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों ने 22 जनवरी को गठबंधन का एलान करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ सपा 298 व कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जिसके पास जो सीटें थी, उस पर उसी दल के प्रत्याशी को उतारने का फार्मूला तय होने की बात कही गई। संकेत दिया गया कि सुविधा के आधार पर दोनों एक दूसरे को प्रत्याशी भी उपलब्ध करा सकते हैैं। मगर छह दिन भी कई सीटों पर तस्वीर साफ नहीं है। अलीगढ़ समेत कई जिलों में दोनों दलों के प्रत्याशियों ने परचा दाखिल कर दिया। अब कल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के संयोजक डॉ. संजय सिंह ने पत्रकार वार्ता में अमेठी व रायबरेली की सभी सीटों पर कांग्रेस के लडऩे का दावा कर दिया। अमेठी संवाददाता के मुताबिक संजय सिंह ने मंत्री गायत्री प्रजापति का नाम लिए बगैर कहा कि सपा दागी उम्मीदवारों को लड़ाने से पहले मना कर रही थी तो ‘महा दागी’ को कैसे टिकट देगी। कहा कि कांग्रेस नेतृत्व से बात की गई है। सपा नेतृत्व ने भी इस आशय का आश्वासन पार्टी को दिया है। संजय सिंह ने कहा कि अमेठी व रायबरेली में कांग्रेस बहुत मजबूत है। यह दोनों जिले कांग्रेस के गढ़ हैं और यहां की सभी सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार लड़ेंगे।

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