-आशीष बडोला, हमारे संवाददाता-
देहरादून। मसूरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की महिला प्रत्याशी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव गोदावरी थापली, भाजपा प्रत्याशी का अभिमान चूर-चूर करती दिख रही है। इस अभिमान से सभी वाकिफ है, कभी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को धक्का देने से विवादों मे आना तो कभी विधानसभा कूच के दौरान बेजुबान जानवर को क्रूरता से लाठियां भांझना। जिसका पूरे देश का मीडिया गवाह बना। खैर जो भी हो, इतना ही नहीं उनकी ही पार्टी के कुछ शीर्ष नेतागण मीडिया में ये कहते भी सुने गए कि गणेश जोशी को सुंदरकांड का पाठ करा लेना चाहिए। ऐसा उनके लोग इसलिए कहने लगे क्यों की प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नोटबंदी के दौरान जोशी पर करोड़ो रूपये का सोना खरीदने का आरोप भी कुछ लोगों ने उन पर लगाया। इस वजह से उन्हें भाजपा से टिकट लेने मे काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। हालांकि इन सब आरोपों से बचते हुए जोशी केंद्र नेतृत्व के सहयोग से टिकट लेने मे तो कामयाब रहे। मगर कांग्रेस ने जिस कर्मठ और जुझारू महिला प्रत्याशी गोदावरी थापली को मसूरी विधानसभा की रणभूमि मे उतारा है। इन दिनों उसी निर्मल बहने वाली गोदावरी धारा के भंवर मे जोशी फंसते हुए नहीं दिख रहे, बल्कि पूरी तरह से डूबते हुए देखे जा सकते हैं। जहां से खुद को बचा पाना उनके लिए काफी मुश्किलों भरा प्रतीत हो रहा है। उनके स्थानीय क्षेत्र कालीदास और हाथीबड़कला के कट्टर समर्थक तक गोदावरी के साथ देख जा सकते हैं। वहीं सूत्रों की माने तो इसकी वजह ये भी है कि जोशी दो बार अलग-अलग सीट से विधायक रहे, इस वजह से उनके व्यवहार मे काफी बदलाव देखने को मिला। इसी कारण उनके करीबी लोग उनसे किनारा काटने लगे हैं। बात सही भी है, इंसान मे अहंकार ज्यादा समय तक नहीं टिक सकता। मगर इससे निजात के लिए उसे काफी कुछ गवाना भी पड़ता है। इसी वजह से अब गोदावरी थापली को मसूरी विधानसभा की जनता पूरा समर्थन और स्नहे देती दिख रही है। उनके समर्थन मे महिलाएं और युवा वर्ग सबसे ज्यादा संख्या में है। वहीं राजनैतिक विशेषज्ञों की माने तो गोदावरी थापली की लोकप्रियता का कारण उनकी क्षेत्रवासियों के प्रति सच्ची कर्तव्यनिष्ठा और सरल स्वभाव भी है। उन्होंने बिना निर्वाचित हुए भी क्षेत्र की शहरी और ग्रामीण जनता की तमाम मुश्किलों का समाधान किया है, इस वजह से भी लोग अब उनके समर्थन मे खुलकर सामने आ रहे हैं। साथ ही मसूरी विधानसभा मे गोर्खाली वोट बैंक भारी तादाद में है। जिसका लाभ गोदावरी थापली को मिलना निश्चित है। जैसे-जैसे 15 फरवरी यानी मतदान का दिन नजदीक होगा। यकीनन गोदावरी थापली उत्तराखण्ड के राजनैतिक इतिहास मे अपना नाम जोड़ने के काफी करीब पहुंच जायेगी।