देहरादून। मेरठ के व्यापारी का अपहरण करने वाले ईनामी कुख्यात बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। वह राजनीति में आने के लिए बसपा के टिकट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। उसकी योजना थी कि विधायक बनने के बाद वह अपने ऊपर दर्ज सभी मुकदमों को सरकार से वापस करा लेगा, लेकिन एसपी सिटी व उनकी टीम ने मेरठ में कुख्यात को बड़ी रणनीति के तहत दबोच लिया।
पुलिस कप्तान ने कुख्यात को पकड़ने वाली टीम की पीठ थपथपायी है और लम्बे अर्से से फरार चल रहे कुख्यात को जेल की सलाखों की पीछे भी पहुंचा दिया है। एसपी सिटी अजय सिंह ने यहां आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि 18 फरवरी 2016 को मेरठ से देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्रान्तर्गत अपने डूंगा स्थित फार्म हाउस मे अपनी इनोवा गाड़ी से घूमने आया मेरठ निवासी मनोज गुप्ता तथा अपने ड्राईवर सन्नी को निरंजनपुर सब्जी मण्डी मे उतार कर स्वयं गाड़ी चलाकर अपनी महिला मित्र ममता मसीह के साथ फार्म हाउस मंे पहुंचा था। जिसके बाद 19 फरवरी 2016 को सुबह जानकारी हुई कि मनोज गुप्ता अपने फार्म हाउस में गाड़ी सहित नहीं है जिसका पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस द्वारा प्रारम्भिक जाँच से यह तथ्य प्रकाश मे आया कि मनोज गुप्ता 18 को महिला ममता मसीह के साथ डूँगा स्थित फार्म पर पहुचा तथा मनोज गुप्ता व ममता मसीह के मोबाइल नम्बरो की सर्विस लाँस के माध्यम से गहनतापूर्वक जानकारी की गई तो ममता मसीह का सम्पर्क मुकदमे मे मुख्य अपराध्ी मास्टर माईंड विनय त्यागी से सम्पर्क होना पाया गया। जिस पर पुलिस टीम द्वारा मुकदमे मे ममता मसीह को गिरफ्रतार कर जानकारी की तो बताया कि वह नई दिल्ली मे काम रती थी जहाँ उसकी मुलाकात विकास त्यागी उपर्फ दीपक से मसाज कराते हुए हुई तथा उसने ही विनय त्यागी से मिलवाया। एक दिन विनय त्यागी ने ममता मसीह को बताया की मनोज गुप्ता जो मेरठ मे अच्छा व्यवसायी है जिसके पास बहुत अध्कि सम्पत्ति है जिसको पफांसकर उससे मोटा व भारी भरकम पैसा कमाया जा सकता है। जिस पर विनय त्यागी ने चार सिम खरीदे जिसमे से दो सिम ममता मसीह को दिये। जिस पर ममता मसीह एक सिम से मनोज गुप्ता से व दूसरे सिम से विनय त्यागी से बात करती और मनोज गुप्ता के बारे मे सारी जानकारी विनय त्यागी को देती। एक सिम विनय त्यागी ने स्वंय रखा व एक सिम विनय त्यागी द्वारा मन्नू उपर्फ मनोज जाटव को दिया। विनय त्यागी द्वारा ममता मसीह को मनोज गुप्ता का मोबाइल नम्बर देते हुए उससे सम्पर्क कर जान पहचान व दोस्ती बढ़ाने को कहा। मनोज गुप्ता का ममता मसीह के साथ मे दोस्ती होने के बाद सोची समझी साजिश एंव षड़यन्त्र के तहत योजनाबद्ध तरीके से 18 फरवरी को देहरादून स्थित डूँगा फार्म हाउस मे चलने को कहा जिस पर मनोज गुप्ता द्वारा ममता मसीह के साथ चलने की सहमति जताई तथा ममता मसीह व मनोज गुप्ता अपने ड्राईवर सन्नी के साथ अपनी इनोवा कार से देहरादून पहुचे जिस पर विनय त्यागी के बताये अनुसार ममता मसीह द्वारा मनोज गुप्ता को ड्राइवर सन्नी को वापस भेजने के लिए दवाब बनाया जिस पर मनोज गुप्ता द्वारा अपने ड्राइवर सन्नी को निरंजनपुर सब्जी मण्डी देहरादून पर उतार तक स्वयं अपनी गाड़ी चलाकर ममता मसीह के साथ सांय के समय डूँगा पफार्म हाउस पर पहुचे। जिसकी जानकारी ममता मसीह द्वारा मो0 के माध्यम से विनय त्यागी को दी गयी। विनय त्यागी के द्वारा ममता मसीह व मनोज गुप्ता के देहरादून जाने की सूचना पर मनोज गुप्ता के अपहरण करने की योजना बनाते हुए मन्नू ऊर्फ मनोज जाटव से सम्पर्क किया। जिस पर मन्नू अपने सहपाठी केशव शर्मा उर्फ राहुल, भूदेव उपर्फ भूरा, जगदीप उर्फ पिन्टु के साथ कार आई टेन के माध्यम से 18 की रात्रि मे मनोज गुप्ता के डूंगा स्थित फार्म हाउस में पहुचे जहाँ पर उक्त लोगो द्वारा मनोज गुप्ता से मारपीट करते हुए उसका अपहरण कर लिया तथा फिरौती के रुप मे एक करोड़ रुपये की माँग की। जिस पर पुलिस के अथक प्रयासो के बाद ममता मसीह, अंबुज त्यागी, विकास कुमार, मनोज कुमार जाटव उर्फ मन्नु, केशव शर्मा उर्फ राहुल, भूदेव उर्फ भूरा, जगदीप उर्फ पिन्टु को गिरफ्तार कर कारागार भेजा जा चुका है तथा वांछित विनय त्यागी तथा मोनू त्यागी की गिरफ्तारी हेतु अथक प्रयास किये गये परन्तु वांछितों की गिरफ्तारी न होने के कारण उनके कुर्की की कार्यवाही करते हुए दोनो पर दस हजार व पाँच हजार रुपये के इनामी घोषित किया गया था।