देहरादून। प्रदेश में समाचार पत्रों के नाम पर भी बड़ा खेल हो रहा है। मात्र फाईल कापी में चलने वाले इन समाचार पत्रों को सूचना विभाग विधिवत विज्ञापन भी जारी कर रहा है। इतना ही नही ऐसे लोगों को विभाग मान्यता भी दे रहा है। इससे प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। हैरानी का बात यह है कि विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही भी नहीं कर रहा है और अपनी आंखें बंद कर मूक दर्शक बन कर बैठा हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश से प्रकाशित होने वाले कुछ Dainik/साप्ताहिक/पाक्षिक एवं मासिक समाचार पत्रों की स्थिति यह है कि उनमें प्रिन्ट लाईन कहीं की पड़ी है और छप किसी और प्रिटिंग प्रेस में रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ समाचार पत्रों के स्वामी अपने समाचार पत्रों को प्रिटिंग प्रेसों में न छपवाकर उनकी फोटोे कापी निकलवाकर उसे जिला सूचना एवं सूचना निदेशालय में जमाकरवा कर सरकार से विज्ञापन भी ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही ऐसे समाचार पत्रों की कच्चा चिट्ठा सामने आने वाला है जो अपने समाचार पत्रों को प्रेस में न छपवाकर उसकी फोटो कापी सूचना विभाग में जमा करवा रहे हैं।