सुशांत सिंह राजपूत के बाद बॉलीवुड में इनसाइडर-आउटसाइडर और नेपोटिज्म की बहस छिड़ी हुई है. सेलेब्स भी इन मुद्दों पर अपना पक्ष रखा है. अब आयुष्मान खुराना ने इसे लेकर अपना पक्ष रखा है. आयुष्मान खुराना आज के दौर में सबसे ज्यादा सक्सेसफुल ‘आउटसराइडर्स’ में से एक हैं. हालांकि, आयुष्मान ने सक्सेसफुल शुरुआत करने से पहले लगभग आधी दर्जन फिल्मों को रिजेक्ट किया. उन्होंने एक इवेंट में कहा,”मैं जानता था कि एक आउटसाइडर होने के नाते, मुझे दूसरा मौका नहीं मिलता.”
आयुष्मान खुराना ने कहा,”स्टार किड्स जो सक्सेसफुल हैं, वो सच में प्रतिभाशाली हैं. उन्हें उनका पहला ब्रेक मलिता लेकिन बने रहने के लिए उन्हें एक बेंचमार्क सेट करना होता है. अगर मैं अपना 50 प्रतिशत देता हूं, तो लोग कहेंगे कि यह मैंने खुद से किया है. अगर एक स्टार किड्स के पास 80 प्रतिशत क्षमता है और अगर वह 100 प्रतिशत भी देगा, तो लोग उससे संतुष्ट नहीं होंगे.”
काम मांगने में नहीं हिचकते
आयुष्मान खुराना ने साल 2012 में फिल्म ‘विकी डॉनर’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. इसमें उन्होंने स्पर्म डॉनर का किरदार निभाया था. उन्होंने कमर्शियल एंटरटेनर के साथ-सात क्रिटिकल एक्लेम भी मिला. वह अब भी फिल्ममेकर से काम मांगने में नहीं हिचकिचाते हैं. उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने ‘अंधाधुन’ और ‘आर्टिकल 15’ के लिए खुद फिल्ममेकर्स से बात की थी. उनका कहना है,”काम मांगने के लिए किसी से भी नहीं शरमाना चाहिए.”
ट्रेन में गाना गाते थे आयुष्मान
आयुष्मान खुराना एक सक्सेसफुल सिंगर भी हैं. उन्होंने कॉलेज के दौरान कई प्ले भी किए हैं और ग्रुप के साथ कई बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है. उन्होंने एक बार मजाक करते हुए कहा था,”मैं एक ट्रेंड सिंगर हूं क्योंकि मैं अक्सर ट्रेन में गाया करता था.” उन्होंने खुलासा किया कि वह पश्चिम एक्सप्रेस में गाया करते थे और यात्रियों से उन्हें पैसे मिलते थे, जिससे उनके गोवा की ट्रिप का खर्चा निकल जाता था.