राज्य के 15 हजार से ज्यादा बिजली कर्मचारियों, पेंशनर्स को अब फ्री बिजली नहीं मिलेगी। बिजली के तीनों निगमों के कर्मचारी, अफसर और पेंशनर्स के लिए बिजली के रेट और बिजली खर्च की एक सीमा तय कर दी गई है। इससे ज्यादा बिजली खर्च करने पर आम जनता जैसी ही वसूली होगी।
हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका के बाद तीनों निगमों के प्रबंधन स्तर पर कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए रेट तय किए गए। तीनों निगमों के बोर्ड से भी प्रस्ताव पास कराया जा चुका है। अब जुलाई महीने से ये नई दरें लागू होने जा रही हैं। जुलाई अगस्त के बाद सितंबर में आने वाला बिल नई दर पर ही आएगा। अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को हर महीने 100 रुपये बिल देना होगा। बदले में उसे 500 यूनिट तक बिजली खर्च का अधिकार होगा। इससे ज्यादा खर्च पर आम जनता की दरों के हिसाब से ही बिल देना होगा। नई दरें एक जुलाई से लागू किए जाने के विधिवत आदेश यूपसीएल प्रबंधन ने अब जाकर जारी कर दिए हैं। अब राज्य में बिजली कर्मचारी और पेंशनर्स के घरों में शत प्रतिशत बिजली मीटर अनिवार्य कर दिए गए हैं। अभी तक कर्मचारी, पेंशनर्स बिना बिजली मीटर के ही बेहिसाब बिजली खर्च करते थे। कई बार नियामक आयोग भी इस सम्बन्ध में सख्त आदेश जारी कर चुका है।