दिल्ली में कोरोना के आवाला सक्रिय हैं ये 4 अन्य वायरस, पढ़े पूरी जानकारी

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जानलेवा कोरोना वायरस का संकट दिल्ली में भले ही कुछ कंट्रोल में आया हो, लेकिन इसके साथ अन्य वायरस दिल्ली को बीमार करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। बरसात के मौसम में दिल्ली वालों पर कोरोना के साथ साथ डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। हर साल इस मौसम में कई लोग डेंगू, मलेरिया का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में इन सभी से किस प्रकार से सावधानी बरतनी है ये जानना जरूरी है।

कोरोना वायरस
ऐसा वायरस जिसने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ है। पूरी दुनिया में जहां इस वायरस से 2 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हैं वहीं 7.70 लाख से ज्यादा अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत में भारत में कोरोना से 27,01,604 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 51,925 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं दिल्ली में कुल मामले 1 लाख 53 हजार 367 हो गए हैं। यहां अब तक 4,214 लोगों की जान जा चुकी है। इस वायरस की वैक्सीन पर पूरी दुनिया में इस समय काम चल रहा है, जब तक इसकी वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक इससे बचाव ही समाधान है।

इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। दो गज की दूरी सभी से बनाए रखें। घर से बाहर निकलते वक्त मास्क का प्रयोग करें। संक्रमण के लक्षण (बुखार, गले में खराश या दर्द, जुखाम, सांस लेने में तकलीफ) दिखते ही तुरंत अपनी कोरोना जांच करवाएं और रिपोर्ट आने तक सभी से दूरी बना लें।

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स्वाइन फ्लू (H1N1)
अधिकतर सुअर में पाए जाने वाले इन्‍फ्लूएंजा ए वायरस के कारण स्वाइन फ्लू होता है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबकि, दिल्‍ली में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्‍या 412 हो गई है। 31 जुलाई तक के इस आंकड़े के अनुसार इस वायरस के कारण अब तक किसी की मौत नहीं हुई है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि साल 2010 में ये वायरस सामने आया था और इसके कारण 2725 लोगों की जान गई थी। इस फ्लू के लक्षण (गले में सूजन, 101 डिग्री तक बुखार, जुखाम, उलटी) दिखते ही तुरंत इसकी जांच करवाई जानी चाहिए।

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डेंगू
बरसात के मौसम में गंदे पानी से फैलने वाला रोग है डेंगू। दिल्ली में अब तक इसके 21 केस सामने आ चुके हैं। हर साल कई लोग इसकी चपेट में आते हैं। डेंगू होने का मुख्य लक्षण है बदन दर्द के साथ तेज बुखार होना। इसके कारण जोड़ों में दईद होना। इससे बचने का उपया है की घर पर कहीं भी गंदा पानी जमा न होने दें। हर दिन पानी जमा होने वाली जगहों को चेक करें। डेंगू के मच्छर से बचें।

मलेरिया
मलेरिया भी बरसात के मौसम में ही अधिक होता है। दिल्ली में अब तक इसके 34 केस सामने आ चुके हैं। मच्छरों के काटने से होने वाली इस बीमारे से बचने के लिए भी मच्छों से बचाव जरूरी है। मलेरिया हर मच्छर के काटने से नहीं होता। मलेरिया का मच्छर होता है मादा एनाफिलीज। ये मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं। अंधेरे में सक्रिय होने वाले इन मच्छरों से बचना चाहिए क्योंकि कई बार ये जानलेवा साबित होते हैं। इसके कारण शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। इसके लक्षण बुखार, ठंड लगना, पसीने आना और बुखार का कम हो जाना है। 2-3 दिन तक लगातार बुखार आना हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवा कर मरीज का इलाज करवाना जरूरी है।

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चिकनगुनिया
चिकनगुनिया भी बरसातों में होने वाली बीमारी है। दिल्ली में अब तक इसके 29 केस सामने आ चुके हैं। इस रोग में जोड़ों में दर्ज, शरीर में रैशेज हो जाते हैं। सिरदर्द होता है। शरीर में पानी की कमी हो जाती है। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह से इलाज करवाना चाहिए। ये भी मच्छरों के कारण होने वाला रोग है। इसलिए मच्छरों से खुद को बचाना ही इससे बचने का उपाय है।

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