देहरादून के जिला जज प्रशांत जोशी को सरकारी काम के दौरान विभाग की गाड़ी की बजाय, एक आरोपी की ऑडी कार इस्तेमाल करने पर सस्पेंड किया गया है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल हीरा सिंह बोनाल की ओर से यह आदेश किए गए। उत्तराखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमथ के दिशा-निर्देशानुसार रजिस्ट्रार जनरल ने यह पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया कि जोशी मसूरी कैम्प कोर्ट में हिस्सा लेने सोमवार-मंगलवार को सरकारी वाहन की जगह ऑडी कार से गए थे। इस कार के स्वामी केवल कृष्ण सोइन हैं। संभवत: गलत कृत्य छुपाने को कार में जिला जज का बोर्ड लगाया गया था। सोइन पर धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज है। आरोपी ने उस एफआईआर को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस गाड़ी को जिला जज का बोर्ड लगाकर मसूरी में हाईकोर्ट के गेस्ट हाउस के आगे खड़ा किया गया था। आदेश में कहा गया है कि जिला जज प्रशांत जोशी का यह कदम अनुशासनहीनता को दर्शाता है और यह उत्तराखंड कर्मचारी आचरण नियमावली के नियम 3(1), 3(2) एवं 30 का भी उल्लंघन है।
रुद्रप्रयाग जज मुख्यालय से अटैच अनुमति बिना स्टेशन नहीं छोड़ेंगे
रजिस्ट्रार जनरल हीरा सिंह बोनाल के आदेश में यह भी कहा गया कि निलंबित जज प्रशांत जोशी को इस दौरान आधा वेतन मिलेगा। यह धनराशि उन्हें अपनी बेगुनाही का लिखित प्रमाणपत्र देने पर मिलेगी। उन्हें रुद्रप्रयाग के जिला जज मुख्यालय से भी अटैच कर दिया गया है। उन्हें हाईकोर्ट की अनुमति के बगैर स्टेशन छोड़ने की अनुमति भी नहीं दी गई है।