कोरोना से माता पिता या दोनों में से किसी एक की मौत पर बच्चों के लालन-पालन के लिए वात्सल्य योजना को मुख्यमंत्री की घोषणा के 18 दिन बाद कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। वर्तमान में इस योजना से प्रदेश के 500 से अधिक बच्चे लाभान्वित होंगे। इनकी संख्या अगले कुछ दिनों में बढ़ सकती है। इसमें सबसे अधिक 131 बच्चे हरिद्वार जिले के हैं।
विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 264 बालक एवं 247 बालिकाओं के सिर से माता या पिता का साया उठा है। इसमें हरिद्वार के बाद दूसरे नंबर पर देहरादून में सबसे अधिक 69 मामले हैं। टिहरी गढ़वाल में 67, नैनीताल जिले में 64 प्रकरण अब तक सामने आए हैं।
प्रदेश में सबसे कम चार प्रकरण पौड़ी गढ़वाल के हैं। इस जिले में तीन बालकों एवं एक बालिका के सिर से माता पिता का साया उठा है। कैबिनेट के प्रस्ताव के मुताबिक इन बच्चों को आर्थिक सहायता, खाद्य सुरक्षा दिए जाने के साथ ही इनके इलाज एवं निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए सभी तहसीलों में नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।
24 घंटे के भीतर प्रभावित बच्चों से करना होगा संपर्क
प्रदेश के हर जिले में जिलाधिकारी के निर्देशन में चलने वाली जिला बाल इकाई को प्रभावित बच्चों की सूचना मिलने के 24 घंटे के भीतर उनसे वर्चुअल या व्यक्तिगत रूप से संपर्क करना होगा। इकाई उनसे मिलकर उनकी वर्तमान स्थिति का प्रारंभिक आंकलन करेगी। जो यह देखेगी कि माता पिता या संरक्षक की मौत की वजह, परिवार की सामाजिक व आर्थिक स्थिति, परिवार की आय का जरिया, प्रभावित बच्चों की व्यक्तिगत जानकारी व उनकी शिक्षा का स्तर की जानकारी लेगी।