हरिद्वार महाकुंभ में संक्रमण रोकने को कराई गई टेस्टिंग में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। एक निजी लैब द्वारा की गई एक लाख से अधिक सैंपलों की एंटीजन जांच में भारी गड़बड़ी पाई गई है। डीएम से मामले की विस्तृत जांच कराई जा रही है। महाकुंभ के दौरान नौ प्राइवेट लैब के साथ अनुबंध किया गया था। इस दौरान एक व्यक्ति की शिकायत पर आईसीएमआर ने मामले की जांच के लिए कहा। सरकार ने चीफ कंट्रोलिंग ऑफीसर डॉ.अभिषेक त्रिपाठी से जांच कराई। डॉ. त्रिपाठी ने स्वास्थ्य सचिव को सौंपी अपनी रिपोर्ट में लैब की ओर से भारी गड़बड़ी किए जाने की पुष्टि हुई है।
15 लाख से अधिक जांच: हरिद्वार जिले में अभी तक 15 लाख से अधिक कोरोना सैंपलों की जांच हुई हैं। इसमें से अधिकांश जांचें महाकुंभ के दौरान हुई। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि एक एंटीजन जांच के बदले लैब को 354 रुपये दिए जाने का करार किया गया था। सूत्रों का कहना है कि एक कंपनी की एक लाख के करीब जांचें सवालों के घेरे में आने के बाद यदि सभी लैब द्वारा की गई टेस्टिंग की जांच हुई तो यह घपला करोड़ों का हो सकता है। हालांकि जांच अधिकारी ने इस संदर्भ में कुछ नहीं कहा है।