देश के आठ राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना में कोरोना वायरस के खतरनाक वैरिएंट डेल्टा के 50 फीसदी मामले मिले हैं। 35 राज्यों के 174 जिलों में डेल्टा वैरिएंट मिल चुका है, जबकि हाल ही में सामने आए डेल्टा प्लस के मामले अब तक 12 राज्यों में सामने आ चुके हैं।
इन राज्यों में 49 सैंपल में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है, जिसे सरकार ने हाल ही में गंभीर वैरिएंट के रुप में घोषित किया था। राष्ट्रीय महामारी नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश में अब तक 21,109 सैंपल में गंभीर वैरिएंट मिल चुके हैं। इनमें एल्फा 3969, बीटा 149, गामा एक और डेल्टा व कापा वैरिएंट 16238 सैंपल में मिला है। महामारी की दूसरी लहर से पहले फरवरी और मार्च में सबसे ज्यादा अल्फा वैरिएंट मिल रहा था, लेकिन मई और जून में 90 फीसदी सैंपल में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हो रही है। देश में अब तक कोरोना के 120 म्युटेशन सामने आ चुके हैं, लेकिन उनमें से गंभीर आठ वैरिएंट हैं जो सबसे ज्यादा भारतीय कोरोना संक्रमितों में मिल रहे हैं। हालांकि, 14 वैरिएंट के बारे में अभी वैज्ञानिकों को ज्यादा जानकारी नहीं है। इनमें से एक डेल्टा प्लस वैरिएंट भी है। बीते साल दिसंबर 2020 में देश के एक जिले में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीज मिला था, जिसके बाद मार्च 2021 तक डेल्टा 54 जिलों तक पहुंच गया था, लेकिन अब यह 174 जिलों तक पहुंच गया है। सबसे पहले यह महाराष्ट्र में मिला था। वहीं, डेल्टा प्लस की बात करें तो महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 20, तमिलनाडु में नौ, मध्य प्रदेश में 07, पंजाब में 02, गुजरात में 02, केरल में 03, आंध्र प्रदेश-ओडिशा-राजस्थान-जम्मू कश्मीर और कर्नाटक में भी एक-एक मरीज मिल चुका है।