कानपुर के काकादेव थाने में रविवार को सहारा प्रमुख समेत 18 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, साजिश रचने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता की तहरीर पर पुलिस कमिश्नर के आदेश पर काकादेव पुलिस ने कार्रवाई की।
आरोप है कि बोगस कंपनियां और सोसाइटी बनाकर निवेश के नाम पर देशभर के 25 लाख लोगों से 25 लाख करोड़ रुपये हड़पे गए हैं। काकादेव निवासी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय टंडन के मुताबिक, निवेश, हाउसिंग आदि के नंबर पर आरोपियों की कंपनियों के जरिये रकम जमा कराई गई।
उसके बाद रकम हड़पी गई। दावा है कि उनके पास फ्रॉड के एक-एक साक्ष्य मौजूद हैं, जो उन्होंने पुलिस को दिए हैं। अजय ने बताया कि बोगस कंपनियां बनाकर आरोपियों ने काले धन को सफेद किया है। ठगी को पूरे देश में अंजाम दिया गया। गरीब और मजदूर भी इस ठगी के शिकार हुए हैं। अजय का कहना है कि इसमें कई बड़े नेता समेत अन्य नामचीन हस्तियों की भी भूमिका है। अजय टंडन के मुताबिक, आरोपियों ने सहारा इंडिया रियल इस्टेट कारपोरेशन, सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसाइटी, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, स्टार मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसाइटी, सहारा इंडिया कॉमर्शियल कारपोरेशन, सहारा हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन, सहारा क्यू शॉप प्रोडक्ट, सहारा क्यू गोल्डमार्ट लिमिटेड, सहारा प्योर इटेबल्स कारपोरेशन, सहारा यूनिवर्सल माइनिंग कारपोरेशन, एम्बी वैली सिटी डेवलपर्स, सहारा इंडिया टूरिज्म डेवलेपमेंट कारपोरेशन समेत अन्य कई सोसाइटी और हजारों कंपनियों के जरिये ठगी को अंजाम दिया गया।