चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों के 734 दिनों के आंदोलन के बाद आखिरकार प्रदेश की भाजपा सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम वापस लेने का फैसला ले लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट पर मंगलवार को एक्ट वापस लेने की घोषणा की। अब प्रदेश सरकार विधेयक को निरस्त करने के लिए विधानसभा सत्र के दौरान सदन में वापसी का विधेयक लाएगी। इस तरह भाजपा सरकार में त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल का एक और फैसला पलटा गया।
मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे के दौरान पंडा-पुरोहित समाज के लोगों को 30 नवंबर तक निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। मंगलवार को एक्ट की वापसी की घोषणा करके उन्होंने वादा पूरा किया। उधर, तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया, लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार के फैसले को चुनावी बताया।