नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार गांवों के सामर्थ्य, रुचि और प्रकृति को जोड़कर ग्रामोदय की दिशा में काम कर रही है और कोई चीज थोपना नहीं चाहती है। ऐसे में विकास कार्यो को निर्धारित समय सीमा के भीतर और लक्ष्य के अनुरूप पूरा किये जाने की जरूरत है। नानाजी देशमुख जन्म शताब्दी समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ हम ग्रामीण विकास के कार्य को तेजी से लेना चाहते हैं। हम विकास करना चाहे, इतने से बात पूरी नहीं होगी, हम विकास की बात करें, इतने से बात पूरी नहीं होगी।
हम कार्यो को समय सीमा के भीतर पूरा करें । योजनाएं जिस मकसद से शुरू की गई थी, उसमें कोई बदलाव नहीं आए।’’ उन्होंने कहा कि योजनाओं पर काम करते हुए यह ध्यान रखना होगा कि वह इस बात पर आधारित नहीं हो कि उसमें कितना काम किया (आउटपुट) गया बल्कि इसका परिणाम (आउटकम) क्या रहा। हमने कितना बजट खर्च किया, इस पर जोर होने की बजाए, यह ध्यान रखा जाए कि लक्ष्य क्या था और हमने कितना कार्य पूरा किया। मोदी ने कहा कि 70 साल में जो विकास की गति रही, साल 2022 में जब देश की आजादी के 75 साल पूरे होंगे तब हम सात दशकों से सपने संजो कर बैठे व्यक्ति की आशा आकांक्षा को हम पूरा सकें, हम इस लक्ष्य के साथ काम करना है। इससे हिंदुस्तान के आखिरी छोर के व्यक्ति तक भी उसका हक पहुंचाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के सुझाव के आधार पर ही ग्रामीण विकास के रोडमैप पर काम हो रहा हैं। सिर्फ विकास करने से बात पूरी नहीं होगी, सिर्फ अच्छा करने से बात पूरी नहीं होगी, चीज़ों को समय-सीमा में करने से ही काम अच्छा होगा। भारत सरकार इनके सपनों के आधार पर ग्रामीण भारत के विकास की ओर आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गांव का विकास कैसे हो ? इसके लिए सरकार गंभीर है। हमारा प्रयास है कि गांव की अपनी जो शक्ति है, सबसे पहले उसी को जोड़ते हुए विकास का मॉडल बनाया जाए। जो सुविधाएं शहर में हैं वैसी अगर हम गांव में दे दें तो एक जीवन स्तर में बदलाव आएगा जो लोगों को गांव में रहने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि गांव आत्मनिर्भर बने, गांव गरीबी से मुक्त बने, गांव बीमारी से मुक्त बने।
गांव में जातिवाद का जहर समाप्त हो क्योंकि जातिवाद का जहर गांव को बिखेर देता है, विकास के सपने को चूर चूर कर देता है। गांव समृद्ध बने और सभी को जोड़ने वाला बने, ऐसे गांव के विकास के लिये भारत सरकार योजनाएं तैयार कर रही है और इस दिशा में प्रयास कर रही है। गांव को आत्मनिर्भर करना जरुरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में केवल वोट का अधिकार नहीं है, बल्कि जनता की भागीदारी भी काफी जरूरी है। सरकार हर योजना की समीक्षा कर रही है। मोदी ने कहा कि हमारे देश में संसाधनों के कारण आखिरी छोर के इंसान को हम कुछ नहीं दे पाते हैं, इस बात से आज भारत सरकार में आने के बाद मैं सहमत नहीं हूं। हमारे देश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है, अगर कोई कमी है तब वह सुशासन की है।
लोकतंत्र तभी सफल है जब जनभागीदारी से विकास हो और सरकार के साथ जनता का संवाद हो। ऐसा अनुभव रहा है कि जिन राज्यों में ज्यादा गरीबी है वहां पर मनरेगा का काम कम हो रहा है। जिन राज्यों में सुशासन है वहां मनरेगा का ज्यादा काम होता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के लिये सुशासन हमारी सरकार का मंत्र है और हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। अब मोबाइल ऐप ‘दिशा’ से हर व्यक्ति ऊपर तक अपनी बात पहुंचा सकता है। इसके माध्यम से समय सीमा के तहत काम की प्रगति को देखा जा सकता है, योजनाओं में सुधार किया जा सकता है और सतत निगरानी की जा सकती है। इसके माध्यम से सांसदों को जोड़ा गया है जो जिला स्तर पर कार्य की प्रगति को देखते हैं।
मोदी ने कहा कि अब गांव को आत्मनिर्भर बनाना होगा और जितनी सुविधाएं शहर को मिल रही हैं उतनी ही सुविधाएं गांव को भी मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि देश में ‘गरीबी भारत छोड़ो’ अभियान चलाया जा रहा है और 2022 तक इसको पाने की कोशिश होगी। मोदी ने कहा कि टिंबर की खेती लोगों के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शहर को गांवों के लिए बाजार बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि दीवाली के दिये गांव के कुम्हार से खरीदें। उन्होंने कहा कि 18000 गांव ऐसे थे जो कि 18वीं शताब्दी में जी रहे थे, वहां पर बिजली नहीं थी। हमने लाल किले से 1000 दिन में इन गांवों में बिजली देने का बीड़ा उठाया, अब तक 15,000 गांवों में बिजली पहुंचा चुके हैं। हमारी सरकार मुफ्त में बिजली कनेक्शन दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2022 में किसानों की आय को दोगुना करने का है। हमारा प्रयास किसान की लागत कम और मुनाफा बढ़ाना है।
खुले में शौच के खिलाफ सरकार का अभियान काम कर रहा है। अब शौचालय को गांवों में ‘इज्जतघर’ कहा जा रहा है। देश के करीब 2.5 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए हैं। मोदी ने कहा कि सरकार ने जो ‘दिशा’ ऐप लॉन्च की है, इससे सुशासन को बल मिलेगा। ग्रामीण भारत में चल रही योजनाओं के बारे में सारी जानकारी मिल सकेगी और दिशा के माध्यम से जनप्रतिनिधि लोगों के साथ जुड़ पाएगा। क्योंकि लोकतंत्र के विकास के लिये जनसंवाद और जन सहभागिता जरूरी तत्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 में ग्रामीण विकास की गति तेज होगी। गांव का नागरिक भी शहर की जिंदगी चाहता है।
शहर और गांव में बिजली 24 घंटे बिजली जानी चाहिए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ग्राम संवाद ऐप’ को भी लांच किया, जिसके जरिए इस बात की निगरानी की जा सकेगी कि सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए जो योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, वो ग्राम पंचायत स्तर पर किस तरह काम कर रही हैं। सरकारी योजनाओं को जिले के स्तर पर ठीक से लागू किया जा सके इसके लिए एक पोर्टल भी लांच किया गया। प्रधानमंत्री ने नानाजी देशमुख के नाम पर एक डाक टिकट भी जारी किया।