नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को जानकारी मिली है कि कार का फास्टैग लगाकर ट्रक एक्सप्रेसवे पर टोल पार कर रहे हैं। दिल्ली-मेरठ, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-जयपुर और अन्य नेशनल हाईवे पर मार्च से अप्रैल के बीच 500 से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं।
टोल एजेंसियों ने एनएचएआई को यह जानकारी दी है। टोल एजेंसी ने फास्टैग ब्लैक लिस्ट कराए लेकिन पता चला कि कुछ ही दिनों में उन वाहनों के नंबर पर दूसरी कंपनी से फास्टैग जारी हो गए। टोल एजेंसियों के मुताबिक टोल चोरी के उद्देश्य से ऐसा किया जा रहा है क्योंकि कार का टोल कम होता है।
अगर किसी एक्सप्रेसवे पर कार से 100 रुपये का टोल लिया जा रहा है तो उसी टोल नाके पर दो धुरे वाले ट्रक से करीब 500 रुपये का टोल कटता है। ट्रक का आकार जितना बड़ा होता जाता है, टोल भी उतना ही अधिक लिया जाता है।
एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे पर लगाए गए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरों और फास्टैग के डाटा का मिलान किया तो पता चला कि एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले ट्रकों की संख्या फास्टैग के आंकड़े से कम है। गहनता से छानबीन की गई तो पता चल कि ट्रैक के ऊपर कार का फास्टैग लगा था।