दून में पुलिस विभाग की हॉफ मैराथन 17 दिसंबर को

देहरादून। पुलिस विभाग द्वारा 17 दिसम्बर को देहरादून में हाफ मैराथान आयोजित की जएगी। इसकी थीम “सड़क सुरक्षा एवं महिला सुरक्षा” को रखा गया है। दोनों मुद्दे पुलिस की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मैराथन का उद्देश्य शरीरिक स्वस्थता एवं पुलिस को जनता से जोड़ने के सम्बन्ध में जागरुकता पैदा करना है। साथ ही इतने बड़े आयोजन से देहरादून शहर को भी राष्ट्रीय स्तर पर एक नयी पहचान मिलती है। यहां आयोजित पत्रकार वार्ता में अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि विगत वर्ष 2016 में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा थीम के साथ हाफ मैराथन का आयोजन किया गया था आयोजन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड राज्य में भ्रष्टाचार की समस्या तथा युवाओं में नशे की प्रवृति को रोकने तथा इस दृष्टि से आम जनता विशेषकर युवाओं में जगरुकता फैलाना था। इसका सबसे बड़ा लाभ यह हुआ की युवा नकरात्मक प्रवृति से दूरी बनाते हुये शारीरिक स्वस्थता की ओर आकर्षित हुये साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस का जनता से जुड़ाव हुआ जिससे पुलिस एवं आम जन के मध्य की दूरी कुछ सीमा तक कम हुई। वर्ष 2016 की हाफ मैराथन में लगभग 200 स्कूलों एवं कालेजों के छात्रों सहित कुल-25,000 लोगों द्वारा भाग लिया गया इस आयोजन की विशेष बात यह रही की इस मैराथन में आम-जन के साथ-साथ आईएएस,आईपीएस,चिकित्सक तथा अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों के अतिरिक्त देश के कोने-कोने से प्रतिभागी आयोजन में प्रतिभाग करने आये। ड्रग्स एवं भ्रष्टाचार के मुद्दों पर आयोजित की गयी हाफ मैराथन के सफल आयोजन तथा जनता द्वारा की गयी सराहना से प्रेरित होकर इस वर्ष भी हाफ मैराथन का आयोजन 17 दिसम्बर को किया जा रहा है। हर साल सड़क दुर्घटनाओें मे देश में लगभग 1.5 लाख लोग अपनी कीमती जान गंवाते हैं, जिससे परिवार और समाज को अपूरणीय नुकसान पहुंचता है, इसलिये प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह यातायात के नियमों का पालन करे और अन्य लोगों को भी जागरूक करे। उत्तराखण्ड राज्य में एक वर्ष में सडक दुर्घटनाओं में लगभग 950 लोगों की मुत्यु तथा लगभग 1600 लोग घायल हुये। आपराधिक घटनाओं से जितनी मुत्यृ हो रही है इससे अधिक मुत्यु सड़क दुर्घटनाओं में हो रही है। भारतीय संविधान ने महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में समान अधिकार प्रदान किये हैं। एक देश व राष्ट्र तभी उन्नति व प्रगति कर सकता है जब वहां की महिलाएं अपने आपको सुरक्षित महसूस करती हैं और उनके सशक्तिकरण, विकास और सुरक्षा के लिये एक अच्छा वातावरण उत्पन्न किया जाता है। उत्तराखण्ड राज्य में एक वर्ष में महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित कुल लगभग 2500 अभियोग है। मैराथन पुलिस लाइन रेस कोर्स देहरादून से प्रारम्भ होकर यहीं पर समाप्त होगी।

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