हरारे। जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने पद छोड़ने के लिए लगातार बढ़ रहे दबाव को दरकिनार करते हुए कहा है कि वह दिसंबर में होने वाली सत्ताधारी पार्टी की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। सत्ताधारी जानू-पीएफ पार्टी की 12 से 17 दिसंबर तक बैठक होने वाली है। मुगाबे के इस ऐलान के बाद उन्हें हटाने की मांग को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन और ज्यादा तेज हो सकते हैं।
93 साल के मुगाबे ने रविवार को टीवी पर देशवासियों को संबोधित किया। तमाम लोगों को उम्मीद थी कि टेलिविजन पर अपने संबोधन में मुगाबे पद छोड़ने का ऐलान करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने अपने संबोधन में जिम्बाब्वे के ताजा हालात और अव्यवस्था के माहौल को लेकर चिंता जताई लेकिन अपने इस्तीफे का कोई जिक्र नहीं किया। जिम्बाब्वे में करीब 4 दशकों से मुगाबे का राज है।
कभी बेहद ताकतवर रहे मुगाबे अब अलग-थलग और कमजोर पड़ चुके हैं। सेना ने उन्हें उनके निजी घर में नजरबंद कर रखा है। इतना ही नहीं, सत्ताधारी दल जानू-पीएफ पार्टी ने उन्हें पार्टी प्रमुख के पद से बर्खास्त कर दिया है। पार्टी ने यह भी कहा है कि अगर मुगाबे सोमवार शाम तक राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है। राजधानी हरारे की सड़कों पर लोगों का विशाल जनसमूह उनके इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है।
टीवी पर अपने संबोधन के दौरान मुगाबे यह जतलाने की भी कोशिश करते दिखे कि अभी भी शक्तियां उन्हीं के हाथ में हैं। संबोधन से पहले उन्होंने सेना के कमांडरों से हाथ मिलाया। इन कमांडरों में से एक ने कुछ बार संबोधन के दौरान उन पन्नों को पलटने में मुगाबे की मदद भी की, जिन्हें वह पढ़ रहे थे।