नई दिल्ली। क्रिकेट के मैदान पर अपने प्रदर्शन से कई दिलों में राज करने वाले सचिन तेंडुलकर ने सोमवार को कुछ विशेष बच्चों के दिल में भी हमेशा के लिए अपनी जगह बना ली। यूनिसेफ के ब्रैंड दूत सचिन ने यहां यूनिसेफ द्वारा विश्व बाल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ना केवल इन बच्चों के साथ समय बिताया बल्कि उनके साथ क्रिकेट भी खेली। स्पेशल ओलिंपिक भारत से जुड़े इन विशेष श्रेणी के बच्चों को सचिन ने क्रिकेट के गुर भी सिखाए।
इस दौरान आयोजित 5-5 ओवर के मैच में सचिन भले ही छोटे-छोटे विशेष बच्चों के साथ खेल रहे थे, लेकिन उनमें वही जज्बा दिखा जो कभी क्रिकेट के मैदान पर वह दिखाते थे। सचिन ने बच्चों को बोलिंग से लेकर बैटिंग करने तक के गुर सिखाए और हर एक शॉट पर उनका खूब हौसला बढ़ाया। उन्होंने खुद भी बैटिंग की और तीन चौके लगाए। भले ही यह चैरिटी मैच था लेकिन सचिन में जीत की ललक ऐसी थी कि वह हर बॉल पर फील्डिंग सजाते देखे गए।
सचिन ने बच्चों के संग आए पेरेंट्स को सुझाव देते हुए कहा कि कभी भी बच्चों पर अपनी पसंद ना थोपें बल्कि उन्हें आजादी दें। उन्होंने अपना ही उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पिताजी प्रफेसर थे, लेकिन उन्होंने कभी भी उनपर लेखक बनने का दबाव नहीं बनाया। उन्हें जो पिताजी से छूट मिली इसी का नतीजा है कि आज वह क्रिकेट की दुनिया में इस मुकाम तक पहुंच सके। उन्होंने बच्चों को भी सलाह देते हुए कहा कि वह भी बचपन में खूब शरारत करते थे लेकिन लक्ष्य पाने के लिए खुद ब खुद अनुशासित हो गए।