देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को जोगीवाला में स्थानीय वैडिंग प्वाइंट में गढ़वाल क्षेत्र के युद्ध पदकों से अलंकृत पूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों के सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने वीर सैनानियों के बच्चों के लिए डांडा लखोण्ड में बन रहे हॉस्टल के लिए 02 करोड़ रूपये की धनराशि का चैक उप सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चन्द्र को प्रदान किया। उन्होंने कहा कि लैंसडाउन मेें गढ़वाल राइफल के सेंटरों में पानी की पूर्ण उपलब्धता के लिए लैंसडाउन क्षेत्र के लिए 33 करोड़ रूपये की धनराशि प्रदान कर दी गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे सैनिक कठिन परिस्थितियों में पूर्ण मनोयोग के साथ देश की सेवा में तत्पर रहते हैं। अपने वीर सैनिकों के कल्याण के लिए जो भी कार्य किया जाना होगा, उसमें पूर्ण सहयोग दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार सैनिक एवं अर्द्धसैनिकों के परिवारों के हितों के लिए कटिबद्ध है। राज्य सरकार द्वारा सैनिक एवं अर्द्ध सैनिक बलों में ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त होने वाले उत्तराखण्ड के सैनिकों के आश्रितों को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर नौकरी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि देहरादून में भव्य युद्ध स्मारक बनाये जाने की भी उनकी योजना है। यह भव्य युद्ध स्मारक प्रदेश के गौरव का प्रतीक होगा इसमें 5 से 7 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। बच्चों के लिये खेलकूद व मनोरंजन के भी साधन होंगे। भूमि की व्यवस्था होते ही इस पर कार्य आरम्भ कर दिया जायेगा। कैंट रोड स्थित सेना के अस्पताल में अल्ट्रासाउण्ड मशीन के लिए अनुरोध किये जाने पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि शीघ्र ही अल्ट्रासाउण्ड मशीन उपलब्ध कराई जायेगी। रानीपोखरी में सैनिकों के लिए सामुदायिक मिलन केन्द्र के लिए विधायक गणेश जोशी के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि रानीपोखरी में इसके लिए जमीन उपलब्ध होते ही सैनिकों के लिए सामुदायिक भवन बनाया जायेगा। ले. जनरल श्री शरथ चन्द्र द्वारा डोईवाला क्षेत्र में सैनिकों के लिए सीएचडी केण्टीन की स्वीकृति प्रदान किये जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएचडी केण्टीन के लिए भी जमीन उपलब्ध कराई जायेगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड की दो नदियों रिस्पना एवं कोसी को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 02 कम्पनियां ईको टास्क फोर्स गठित की गई है। उन्होंने कहा कि रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण का पूरा कार्य वृक्षारोपण, स्वच्छता एवं ट्रेचेज आदि का कार्य एक दिन में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह पूरा कार्य जन सहयोग से किया जायेगा। उन्होंने इन नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए जन सहयोग की अपील की है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में लगभग 16 प्रतिशत लोग सैनिक एवं अर्द्धसैनिक बलों से हैं। जो गांवों के विकास के लिए अपने हुनर से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे एवं अन्य क्षेत्रों में जनपयोगी कार्य कर प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होने कहा कि हमारे गांव वीर सैनानियों के गांव हैं, सियाचीन में माइनस 20 डिग्री में देश की रक्षा में तैनात सैनिक अपने गांवों की वीरानी को दूर करने में भी मददगार बन सकते है। उनके जज्बे का हम सम्मान करते है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने 226 पूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों को सम्मानित भी किया। उप सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चन्द्र ने कहा कि 01 अप्रैल 2018 को गढ़वाल राइफल की एक और पल्टन 22 वीं गढ़वाल राइफल की स्थापना की जायेगी। पूर्व सैनिकों के अनुरोध पर उन्होंने कहा कि गढ़वाल राइफल की बटालियन के पूर्व सैनिकों को मिलन के लिए मैदान एवं शामियाने की व्यवस्था देहरादून में की जायेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र में 2011 से सतत मिलाप के नाम से प्रोग्राम किये जा रहे हैं। इस प्रोग्राम के तहत पिछले पांच सालों में सैनिकों की लगभग 37 हजार समस्याओं को सुना गया जिसमें से 36 हजार समस्याओं का निदान भी किया जा चुका है। जिसमें से सबसे अधिक मामले पेंशन से सम्बन्धित हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 06 माह में थराली एवं श्रीनगर में एक-एक सीएचडी केण्टीन की स्वीकृति भी प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि यदि कोटद्वार में जमीन उपलब्ध होती है तो वहां पर केन्द्रीय विद्यालय खेला जायेगा। विधायक गणेश जोशी ने कहा कि सरकार सैनिकों के हित में लगातार कार्य कर रही है। द्वितीय विश्व युद्ध में प्रदेश के जिन स्वतंत्रता सैनानियों ने भाग लिया था उनकी विधवाओं एव जीवित सैनिकों की मासिक पेंशन को 04 हजार रूपये से बढ़ाकर 08 हजार रूपये किया गया है।इस अवसर पर मेजर जनरल जे.एस. यादव, सैनिक कल्याण के निदेशक ब्रिगेडियर के.वी.चन्द, कर्नल डी.एस. कठैत, आर्डिनरी कैप्टन धनी राम नैनवाल, हवलदार धर्म सिंह बडी संख्या में सेना के पूर्व सैनिक एवं वीर नारियां उपस्थित थी।