देहरादून। गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा के दूसरे गुट के तत्वावधान में श्री गुरू गोविन्द सिंह का 351वां प्रकाश उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया और इस अवसर पर सुबह प्रभात फेरी निकाली गई जिसमें अनेक करतब दिखाये गये।
यहां जानकारी देते हुए अध्यक्ष सरदार हरचरण सिंह ने कहा है कि मूल नानकशाही कैलेन्डर के अनुसार पांच जनवरी को श्री गुरू गोविन्द सिंह का 351वां प्रकाश उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इसमें पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्थे एवं कथा वाचक मौजूद थे और नगर कीर्तन को प्रातः पांच बजे गुरूद्वारा गोविन्द नगर रेसकोर्स से प्रारंभ कर गुरू गोविन्द सिंह चौक, हरिद्वार रोड, अग्रसैन चौक से होता हुआ गुरू गोविन्द सिंह के ऐतिहासिक स्थान गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा आढत बाजार पहुंचा। नगर कीर्तन को प्रातःकाल निकालने का मुख्य उददेश्य एक नई पहल करने का है जिससे आये दिन धार्मिक कार्यक्रमों से होने वाली ट्रैफिक की समस्या एवं आम जनता को जाने वाली दिक्कत से निजात मिल सके और इस नई पहल को संगत का पूर्ण सहयोग मिले एवं एक धार्मिक कार्यक्रम का मकसद आम जन को दिक्कतों से निजात दिलाने का होता है और न की दिक्कतों को बढ़ाना होता है। जनरल सेक्रेटरी सरदार डी पी सिंह ने का कहना है कि इस बार गुरू साहब की पालकी एक नये रूप से सजाई गई एवं प्रातः काल के समय किये जाने वाले सबद कीर्तन और प्रभु के माने का आनंद एक अलग ही आनंद देता है। जिसके लिए यह निर्णय लिया गया है। और ऐसा हर धर्म का मानना है कि और इस इस तरह के प्रातः काल के समय के नगर कीर्तनों का आयोजन पुराने समय में भी किया जाता था और आज भी कई शहरों एवं विदेशों में रह रही सिख संगत द्वारा किया जाता है। उनका कहना है कि शहर की समूह सिख संगत धार्मिक संस्थायें एवं सामाजिक संस्थाओं से अनुरोध किया गया था कि वह इस नई पहल का समर्थन करते हुए एकजुटता का परिचय देते हुए आगे आयें जो पूरी तरह से सफल रहा। इस अवसर पर गुरूद्वारा गोविन्द नगर रेसकोर्स में दीवान सजाया गया और जिसमें संगत के लिए गुरू का अटूट लंगर भी चलाया गया।और इस अवसर पर छोटे बच्चों के लिए खालसा परेड के नाम से एक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया और इसमें बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर सरदार हरचरण सिंह, एम जे सिंह, हरविन्दर सिंह, देवेन्द्र पाल सिंह मोंटी, बूटा सिंह, गुरनाम सिंह, कुलदीप सिंह ललकार आदि उपस्थित थे।