पटना। चारा घोटाला मामले में आज सीबीआइ की विशेष अदालत ने शाम चार बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लालू यादव को सजा सुना दी। लालू को साढ़े तीन साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना सुना गया। इस कारण से अब उन्हें जमानत के लिए हाईकोर्ट में जाना होगा।
वहीं अन्य अरोपी महेंद्र, राजाराम, सुनील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार को भी साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख जुर्माना देना होगा। फूलचंद, महेश और बेक जूलियस को साढ़े तीन साल की कैद और 5 लाख जुर्माना देना होगा। सुनील गांधी, त्रिपुरारी, अजय अग्रवाल, गोपीनाथ को 7 साल की कैदी और 10 लाख जुर्माना देना होगा। जगदीश शर्मा को सात साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना होगा।
सजा के तुरंत बाद लालू यादव के ऑफिशियल अकाउंट से ट्वीट किया गया। ट्वीट के माध्यम से लालू ने कहा कि भाजपा का सीधा नियम है कि या तो उसके पीछे चलो या फिर वह आपको फंसा देंगी। मैं समाजिक न्याय, समानता और सद्भाव के लिए खुशी से मर जाना पसंद करूंगा। मामला चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी का है जिसमें रांची की सीबीआई कोर्ट आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव समेत 16 दोषियों की सजा पर फैसला आया।
चारा घोटाले में शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की सजा पर बहस पूरी हो गई थी और शनिवार को आखिरकार उन्हें सजा सुनाई दी गई। शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई पूरी हुई। इस मामले में लालू प्रसाद के वकील ने सीबीआई कोर्ट में अर्जी दाखिल करके कम सजा की मांग की थी।
छह दोषियों के खिलाफ सजा के बिंदु पर हुई सुनवाई
देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाले में 16 दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान की संभावनाओं के बीच कोर्ट परिसर में गहमागहमी का माहौल रहा। हालांकि छह दोषियों के खिलाफ सजा के बिंदु पर सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में शनिवार को हुई और सुनवाई जल्द ही पूरी हो गई। इसके पूर्व पिछले दो दिनों में दस अभियुक्तों के खिलाफ सजा के बिंदु पर सुनवाई हो चुकी थी। सुनवाई दो बजे से शुरु हुई और ढाई बजे खत्म भी हो गई।