देहरादून: ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत के बाद प्रदेश में सियासत चरम पर पहुंच गई है। कांग्रेस ने ट्रांसपोर्टर की मौत का पूरा दोष केंद्र व प्रदेश सरकार पर थोपा है। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस को लाशों पर राजनीति न करने की सलाह दी है।
गत शनिवार को काठगोदाम, हल्द्वानी निवासी ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे देहरादून में भाजपा मुख्यालय में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में जहर का सेवन कर पहुंचे थे। इस दौरान ट्रांसपोर्टर पांडे ने जीएसटी और नोटबंदी के कारण अपना व्यवसाय चौपट होने की बात कही थी।
गौरतलब है कि नोटबंदी और जीएसटी केंद्र के अभूतपूर्व फैसलों में शुमार रहे हैं। भाजपा भी लगातार आमजन को यह समझाने की कोशिश करती आई है कि ये फैसले उसके हक में लिए गए हैं। वहीं, कांग्रेस सड़क से सदन तक इनका लगातार विरोध करती आई है।
अब जहर का सेवन करने वाले ट्रांसपोर्टर पांडे की मौत के बाद इस मामले ने सियासी रंग ले लिया है। अप्रैल में होने वाले निकाय चुनाव से ऐन पहले हुई इस घटना के बाद सारे सियासी दल इसमें कूद पड़े हैं। आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। कांग्रेस इसमें लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए है तो वहीं भाजपा ने कांग्रेस को मामले में राजनीति न करने की सलाह दी है।
पांडे के परिवार के साथ खड़ी है भाजपा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के मुताबिक ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत बहुत दुखद घटना है। इससे मैं स्वयं और पार्टी व्यथित है। इस दुख की घड़ी में भाजपा उनके परिवार के साथ खड़ी है। कांग्रेस को लाशों पर राजनीति बंद कर देनी चाहिए। जहर सेवन की बात सामने आते ही मंत्री ने वाहन से अस्पताल भिजवा दिया था। परिवार जो भी मदद चाहेगा, परिवार को दी जाएगी। ट्रांसपोर्टर को बचाने की सरकार ने भरसक कोशिश की।
करेंगे हर संभव मदद
कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रकाश पांडे की इलाज के दौरान मृत्यु होने की खबर से गहरा आघात पहुंचा है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदना उनके परिवार के साथ हैं, हमारी सरकार विपदा की इस घड़ी में परिवार के साथ है और हर संभव मदद करेगी।
शोक जताया
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि प्रकाश पांडे के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं। उनके शोकाकुल परिवार को मेरी सांत्वना। दुख की इस घड़ी में हम उनके साथ हैं। ईश्वर प्रकाश पांडे की आत्मा को शांति प्रदान करें।
सरकार को देना होगा जवाब
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी से देश की आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है। इससे आम व्यक्ति त्रस्त है। यह आत्महत्या नहीं बल्कि सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या है। सरकार को इसका जवाब देना होगा कि क्यों एक व्यक्ति को जहर खाने को मजबूर होना पड़ा। सरकार मृतक आश्रित को नौकरी और आर्थिक मदद दे।
जल्द सुध ले सरकार
नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी से मजबूर होकर प्रकाश ने यह कदम उठाया। इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से फोन पर बात कर पीडि़त परिवार को तत्काल राहत के तौर पर 10 लाख रुपये व पत्नी के लिए नौकरी की मांग रखी है। तमाम और भी ऐसे व्यवसायी हैं जो कारोबार में मंदी की वजह से त्रस्त हैं और कर्ज में हैं। सरकार को जल्द सुध लेनी होगी।
जीएसटी और नोटबंदी के हाथों हुई हत्या
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत नहीं है बल्कि हत्या है। यह हत्या जीएसटी और नोटबंदी के हाथों हुई है। भाजपा उत्तराखंड सरकार की संवेदनहीनता से हुई मौत थोपी गई है। यदि कोशिश होती तो जहर पीने से रोका जा सकता था और यदि जहर पी ही लिया था तो तत्काल सबसे बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए थे। हम सब गंभीर रूप से दुखी है।