सिख परिवार ने घर में काम करने वाली बेसहारा युवती की हिंदू रीति-रिवाज से कराई शादी ।

देहरादून : दून के एक सिख परिवार ने सांप्रदायिक सद्भाव और एकता की मिसाल पेश की है। उन्होंने घर में कामकाज करने वाली बेसहारा युवती की हिंदू रीति-रिवाज से धूमधाम से शादी कराई। कन्यादान कर पिता की भूमिका निभाई एनआरआइ प्रीतपाल सिंह ने। जो पिछले 38 वर्षों से इंग्लैंड के शहर बर्मिंघम में रहते हैं।

न्यू कैंट रोड निवासी प्रीतपाल सिंह भल्ला ने बताया कि दून स्थित उनके घर में मां राजिंदर कौर और बहन कंवलजीत कौर रहती हैं। आठ साल पहले सालावाला की एक बस्ती में रहने वाली चांदनी (अब 25 वर्ष उम्र) उनके घर काम मांगने आई। वह घर का काम करने के साथ मां और बहन की भी पूरी देखभाल करती थी। इस बीच पता ही नहीं चला कि कब चांदनी उनके घर की बेटी बन गई।
उन्होंने बताया कि चांदनी उस वक्त बहुत छोटी थी, जब उसके माता-पिता का निधन हो गया था। उसकी छोटी बहन तन्नु भी तब चार महीने की थी। चांदनी को माता-पिता का नाम भी नहीं पता था और उसके दो भाई थे, वो दोनों बहनों को छोड़कर कहीं चले गए। पिछले आठ साल से चांदनी अपनी बहन के साथ उनके घर में ही रह रही थी। कुछ समय पहले परिवार ने चांदनी के लिए लड़का देखना शुरू किया।
इसके बाद देहरादून की एक कंपनी में बतौर सेल्स एग्जीक्यूटिव काम कर रहे विपिन कुमार से उन्होंने चांदनी का रिश्ता तय किया, जो डाकपत्थर का निवासी है। उन्होंने बताया कि विपिन कुमार के भी माता-पिता नहीं हैं। प्रीतपाल सिंह का कहना है कि इंसानियत से बढ़कर कुछ भी नहीं है। परमात्मा ने चाहा तो चांदनी की छोटी बहन की शादी भी वहीं कराएंगे।
परिवार की कमी नहीं हुई महसूस
चांदनी ने बताया कि इस घर में रहते हुए परिवार की कमी कभी महसूस नहीं हुई। जितनी देखभाल वो परिवार के सदस्यों की करती थी, उतनी ही वो सब उसकी। उसके माता-पिता, भाई-बहन सब यही लोग हैं।
विदाई के वक्त आंखें हुईं नम 
विदाई की बेला आई तो चांदनी फफक पड़ी और प्रीतपाल सिंह और उनकी मां राजिंदर कौर के गले लिपटकर खूब रोई। यह विदाई देख पूरे परिवार के साथ आस-पड़ोस के लोगों की आंखें भी भर आई।

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