गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में इंटरनेट सेवा बेहद खराब स्थिति में

उत्तरकाशी: जमाना 4जी के बाद अब 5जी की स्पीड से भी दौड़ने लगा है, लेकिन गंगा-यमुना के मायके में स्थित गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 2जी की स्पीड भी लड़खड़ाने लगी है। देश-दुनिया में करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक इन धामों में संचार व्यवस्था का जो हाल है। उससे लगता नहीं कि यहां 4जी सेवा शुरू करने के दावे निकट भविष्य में भी फलीभूत हो पाएंगे।

सीमांत उत्तरकाशी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में हर साल देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। लेकिन, दोनों ही स्थानों पर उन्हें बेहतर संचार सेवा नहीं मिल पाती। स्थिति यह है कि गंगोत्री-यमुनोत्री में आज भी मोबाइल टावर सेटेलाइट के तहत संचालित हो रहे हैं। जिससे इंटरनेट डाटा यूज करने पर बामुश्किल 2जी की ही स्पीड मिल पाती है, वह भी यदा-कदा।

गंगोत्री में बीएसएनएल और एयरटेल के 2जी टावर हैं, जबकि यमुनोत्री में सिर्फ बीएसएनएल का 2जी टावर। गंगोत्री हाईवे पर भी भटवाड़ी तक ही 3जी सेवा उपलब्ध है। यहां से गंगोत्री तक संचार सेवा बेहद खराब स्थिति में है। शीतकाल के दौरान तो दोनों धामों में टावर बंद रहने के कारण मोबाइल से बातचीत भी नहीं हो पाती।

ओएफसी बिछाने को नहीं मिली धनराशि 

दोनों धामों में संचार व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शासन ने एक साल पहले भारत संचार निगम लिमिटेड से प्रस्ताव मांगा था। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 3जी सेवा शुरू करने के लिए बीएसएनएल ने करीब नौ करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा। लेकिन, अब तक निगम को यह धनराशि प्राप्त नहीं हुई। नतीजा, न तो ओएफसी लाइन बिछाने का कार्य शुरू हो पाया और न मिनी लिंक के तहत टावरों को ही जोड़ा जा रहा है।

बीएसएनएल टिहरी के जीएम एएम चौधरी ने बताया कि गंगोत्री व यमुनोत्री धाम को 3जी व 4जी सेवा से जोड़ने के लिए शासन में भेजा गया प्रस्ताव अभी प्रक्रिया में है। धनराशि उपलब्ध होने पर ओएफसी लाइन या फिर मिनी लिंक के तहत दोनों धामों को जोड़ा जाएगा। फिलहाल दोनों जगह सेटेलाइट आइडीआर के तहत मोबाइल सेवा संचालित है। इसमें डाटा 2जी की स्पीड में चलता है।

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