देहरादून : इसे जागरूकता का अभाव कहें या फिर स्वास्थ्य को लेकर हिचक। बात चाहे जो भी हो, लेकिन करीब 71 फीसद महिला साक्षरता दर वाले उत्तराखंड में सेनेटरी पैड का उपयोग केवल 47 फीसद महिलाएं ही करती हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में सामने आए इस तथ्य ने राज्य सरकार की पेशानी पर बल डाल दिए। इसे देखते हुए सरकार ने महिलाओं-किशोरियों को जागरूक करने के साथ ही सस्ती दर पर सेनेटरी नेपकिन मुहैया कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रत्येक जिले में सेनेटरी नेपकिन यूनिट खोलने को कवायद प्रारंभ कर दी गई है।
असल में महिलाओं और किशोरियों में हिचक एक बड़ी वजह है। इसे देखते हुए सरकार ने महिलाओं और किशोरियों को सेनेटरी नेपकिन के उपयोग के प्रति जागरूक करने की दिशा में गंभीरता से कदम बढ़ाए हैं। बीती 25 फरवरी को ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर से जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत करने के साथ ही वहां सेनेटरी नेपकिन यूनिट खोली गई है। अब इस मुहिम को आगे बढ़ाया जा रहा है।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य के मुताबिक महिलाएं अपनी सेहत और स्वच्छता को लेकर सजग रहें, इसके लिए उन्हें जागरूक किया जाना आवश्यक है। इसके लिए अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत सेनेटरी नेपकिन का उपयोग न करने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने सभी जिलों में सेनेटरी नेपकिन यूनिट खोलने का निर्णय लिया है। इन यूनिट में तैयार होने वाले सेनेटरी नेपकिन रियायती दर पर मुहैया कराए जाएंगे। एक नेपकिन की कीमत होगी महज तीन रुपये। राज्यभर में तमाम स्थानों पर वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। स्कूल-कालेजों में भी जागरूकता कार्यक्रम होंगे। सुदूर गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से किशोरियों व महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध कराए जाएंगे।