छात्रसंघ चुनावों में लिंगदोह कमेटी की संस्तुतियों के कारण आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए नए सिरे से होगा अध्ययन

देहरादून: उच्च शिक्षा मंत्रालय अब छात्रसंघ चुनावों में लिंगदोह कमेटी की संस्तुतियों के कारण आ रही समस्याओं को दूर करने की तैयारी कर रहा है। मंत्रालय ने इसके लिए एक समिति का गठन कर लिंगदोह समिति की संस्तुतियों की समीक्षा कर एक रिपोर्ट बनाने को कहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर लिंगदोह समिति की सिफारिश में बदलाव किया जाएगा। इतना ही नहीं पारदर्शी मूल्यांकन के लिए अब केंद्रीय मूल्यांकन पद्धति लागू करने की भी तैयारी है।

विधानसभा में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.धन सिंह रावत ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कुलसचिवों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि लिंगदोह समति की सिफारिशों का नए सिरे से अध्ययन किया जाए। इनमें बदलाव की भी व्यवस्था है। इसके लिए कुलपति की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी। इसके सदस्य उच्च शिक्षा निदेशक व प्राचार्य होंगे। जल्द इनके नाम घोषित कर दिए जाएंगे। इनकी रिपोर्ट के आधार को कैबिनेट के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय संचालन में अनुशासन लाने के साथ ही सभी रिक्त पदों पर विज्ञप्ति निकाली जाएगी। प्रदेश में केंद्रीय मूल्यांकन पद्धति लागू की जाएगी। उन्होंने विश्वविद्यालयों में समय पर परीक्षा और समय पर रिजल्ट घोषित करने को कहा। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से सत्र आरंभ कर 30 जून तक रिजल्ट घोषित किया जाए। बैठक में उन्होंने सितंबर में होने वाले ज्ञान कुंभ के आयोजन की कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसके मुख्य अतिथि होंगे। इसमें देश के सभी कुलपति एवं शिक्षा मंत्रियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। इसका आयोजन पतंजलि में किया जाएगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति डीके नौटियाल, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति यूएस रावत व विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलपति नागेंद्र रावत, दून विश्वविद्यालय के कुलपति सीएम नौटियाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

रक्षा मंत्री 25 को आएंगी दून 

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण 25 मार्च को देहरादून आएंगी। इस दौरान व एनडीए एवं सीडीएस में चयनित 140 बच्चों का सम्मान, प्रतिभा सम्मान के रूप में 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। बैठक में विक्टोरिया क्रॉस विजेता दरबान सिंह, गबर सिंह और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के साथ ही कारगिल शहीदों के परिजनों व तीन पीढ़ियों से सेना में योगदान करने वालों के परिजनों को आमंत्रित किया जाएगा।

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