गैरसैंण: विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली में प्रावधान है कि साल में विधानसभा के तीन सत्र होंगे और इस दौरान 60 दिन तक सदन की कार्यवाही चलेगी। इस लिहाज से उत्तराखंड में तस्वीर बेहद चौंकाने वाली है। गुजरे 17 सालों में किसी भी वर्ष सदन 60 दिन नहीं चला। 2003 में सदन की कार्यवाही सबसे अधिक 23 दिन चली, जबकि 2004 में सबसे कम यानी सात दिन। जाहिर है कि कम समयावधि के कारण विधायक जनता से जुड़े अहम सवालों को विधानसभा के पटल पर नहीं रख पा रहे हैं।
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को विधायक काजी निजामुद्दीन ने नियम 299 के तहत कार्य संचालन नियमावली से संबंधित प्रश्न रखा। उन्होंने कहा कि राज्य गठन से लेकर अभी तक एक भी वर्ष सदन तय प्रावधानों के अनुसार 60 दिन नहीं चला। ऐसे में विधायक अपने सवालों को विधानसभा के पटल पर नहीं रख पाते।
सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि सरकार भी इसे लेकर चिंतित है। सरकार भी चाहती है कि सदन अधिक से अधिक चले। वहीं, विधायक काजी निजामुद्दीन ने विस अध्यक्ष से मांग की कि अधिकतम नहीं तो सदन चलने के लिए न्यूनतम दिन तो तय किए ही जाने चाहिए। विस अध्यक्ष ने इस मामले को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रखा।
कब कितने दिन चला सदन
वर्ष, सत्र, दिन
2017, 03, 13
2016 02, 13
2015, 02, 12
2014, 03, 19
2013, 02, 08
2012, 03, 20
2011, 02, 14
2010, 02, 13
2009, 03, 18
2008, 03, 20
2007, 03, 16
2006, 02, 15
2005, 03, 21
2004, 01, 07
2003, 03, 23
2002, 03, 17
2001, 03, 19