देहरादून: ट्रेनों से वन्यजीवों को सुरक्षित करने के लिए राजाजी नेशनल पार्क और रेलवे के कर्मचारी वायरलेस सेट के जरिये संपर्क में रहेंगे। वन विभाग ने रेलवे को तीन वायरलेस सेट उपलब्ध करा दिए हैं। सबसे पहले सेट कांसरो और रायवाला स्टेशन को दिए कराए गए हैं।
कांसरो से रायवाला स्टेशन के बीच ट्रेन की टक्कर से हाथियों की मौत की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इस समस्या का हल निकालने के लिए गुरुवार को मुरादाबाद के मंडलीय रेल प्रबंधक एके सिंघल ने वन मुख्यालय में अधिकारियों से वार्ता की। वार्ता के दौरान वन्य जीवों की सुरक्षा को देखते हुए कई बिंदुओं पर सहमति बनी।
सिंघल ने बताया कि रात 10 से सुबह छह के बीच कांसरो से रायवाला के बीच चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार 35 किमी प्रतिघंटा रहेगी। राजाजी नेशनल पार्क ने तीन स्टेशन के लिए वायरलेस सेट उपलब्ध करा दिए हैं। हाथियों या अन्य वन्य जीवों के मूवमेंट देखते हुए वन कर्मी स्टेशन मास्टर को सूचित करेंगे और स्टेशन मास्टर लोको पायलट को सूचना देंगे।
इसके अलावा हरिद्वार और देहरादून रेलवे स्टेशन पर लगातार यह संदेश चलाया जाएगा कि यात्री रेलवे ट्रैक पर खाने का सामान या कूड़ा न फेंके। वन विभाग कांसरो से रायवाला के बीच पांच हाथी बहुल क्षेत्र चिन्हित करेगा, जहां बेरिकेडिंग बनाई जाएगी।
करीब 12 किमी के ट्रैक पर यह बेरिकेड बनेंगे। जिसका निर्माण दोनों विभाग मिलकर करेंगे। सिंघल ने बताया कि वन विभाग रेल लाइन के दोनों ओर 25-25 मीटर की सफाई करवाएगा। भविष्य में यह भी योजना है कि ट्रैक पर अंडरपास बनाया जाए, जिससे वन्य जीव आ-जा सकें।
नंदादेवी एक्सप्रेस के इंजन से पहुंचे डीआरएम
मंडलीय रेल प्रबंधक मुरादाबाद से हरिद्वार तक काठगोदाम एक्सप्रेस से सलून कोच में पहुंचे, लेकिन हरिद्वार से देहरादून तक का सफर उन्होंने नंदादेवी एक्सप्रेस के इंजन में किया।
उन्होंने इंजन में लोको पायलट के साथ बैठकर वास्तविकता जानी कि किस क्षेत्र में वन्यजीवों की वजह से लोको पायलट को तकनीकी दिक्कतें आती हैं। साथ ही यह भी देखा कि मोड़ पर किस रफ्तार से इस रूट पर ट्रेन चल सकती है। शाम को छह बजे सलून जनता एक्सप्रेस के साथ जोड़ा गया, जिससे वे रवाना हुए।