श्री गुरु राम राय मेडिकल कॉलेज को भरना पड़ सकता है 15 करोड़ तक का जुर्माना

देहरादून: प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति ने श्री गुरु राम राय (एसजीआरआर) मेडिकल कॉलेज पर वर्ष 2016-17 में अधिक शुल्क वसूली के मामले में कार्रवाई करते हुए प्रति छात्र 10 लाख रुपये की दर से जुर्माना लगाया है। इससे कॉलेज को मेडिकल के कुल 150 छात्रों के हिसाब से 15 करोड़ तक जुर्माना देना पड़ सकता है। वहीं, समिति ने यह भी साफ कर दिया कि निजी विश्वविद्यालय बन चुके निजी मेडिकल कॉलेजों का फीस निर्धारण उसके अधिकार क्षेत्र में है। कॉलेज मनमाने ढंग से फीस निर्धारित नहीं कर सकते हैं। अधिक फीस वसूली की शिकायत पर समिति एचआइएचटी मेडिकल कॉलेज जौलीग्रांट को भी नोटिस भेजेगी।

प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति की सोमवार को सचिवालय में सदस्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डॉ रणबीर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सबसे पहले एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज को 2016-17 में अधिक फीस वसूल किए जाने के संबंध में भेजे गए नोटिस पर विचार हुआ।

समिति ने कॉलेज के स्पष्टीकरण को नाकाफी माना। अपर मुख्य सचिव डॉ रणबीर सिंह ने बताया कि समिति ने एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज को उक्त अवधि में छात्रों से अधिक शुल्क वसूल किए जाने के संबंध में जुर्माना लगाया गया। समिति के एक्ट में ऐसी शिकायतों पर न्यूनतम दस लाख रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान है। समिति ने प्रति छात्र दस लाख रुपये जुर्माना कॉलेज पर लगाया है। बताया जाता है कि वर्ष 2016-17 में 150 छात्रों की दर से कुल जुर्माना राशि 15 करोड़ तक पहुंच सकती है।

पतंजलि मामले में सुनवाई जारी
समिति ने पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान हरिद्वार की ओर से वर्ष 2014-15 में अधिक शुल्क वसूली के मामले की सुनवाई की। इस संबंध में पतंजलि संस्थान की ओर से दिए गए जवाब में ज्यादा शुल्क लेने का पूरा हिसाब-किताब दर्शाया गया है। साथ ही संस्थान ने प्रॉस्पेक्टस में दर्ज शुल्क से संस्थान का वास्ता नहीं रहने का हवाला भी दिया। पतंजलि से मिले ब्योरा का समिति ने परीक्षण कराने और अगली बैठक तक सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया है।

समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जज गुरमीत राम गैर मौजूद रहे। गौरतलब है कि समिति के अध्यक्ष पद से वह इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि, इस इस्तीफे को सरकार ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है। माना जा रहा है कि अगले अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक यह इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा। बैठक में समिति के दो नामित सदस्य समेत अधिकतर सदस्य मौजूद थे।

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