देहरादून: प्रदेश में बिजली की मांग रिकॉर्ड बना रही है और बाजार में बिजली के दाम भी फिर से बढ़ गए हैं। इसके चलते यूपीसीएल जो बिजली खरीद रहा है, वह पूरी नहीं मिल पा रही है। इससे पहले मई में पूरे महीने यही स्थिति थी। गुरुवार को भी करीब डेढ़ मिलियन यूनिट (एमयू) की कमी रही, जिसके चलते प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में एक से डेढ़ घंटे की कटौती हुई। हालांकि, यूपीसीएल का दावा है कि बिजली की कमी से सिर्फ कुछ औद्योगिक क्षेत्रों में ही कटौती हुई।
बता दें कि इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में बिजली के अधिकतम दाम नौ रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गए हैं। उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) बिजली खरीद की निर्धारित प्रक्रिया के तहत जो दाम लगा रहा है, एक्सचेंज में उसके दाम ज्यादा हो जा रहे हैं। इस कारण से पूरी बिजली नहीं मिल रही।
यूपीसीएल के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि गुरुवार को बिजली मांग 45.69 एमयू रही, जिसके सापेक्ष सभी स्रोतों से 44.67 एमयू प्राप्त हुई। जलविद्युत परियोजनाओं से करीब 14 एमयू बिजली मिली।
राजधानी में भी कटौती बिजली की कमी के चलते राजधानी में भी खूब रोस्ट्रिंग यानी कटौती हो रही है। तमाम इलाकों में दिनभर में कई-कई बार आधे-आधे घंटे तक के लिए बिजली गुल हो रही है।
पांच जून को रही सर्वाधिक बिजली मांग
मई से अब तक बिजली मांग के रिकॉर्ड कई बार बने और टूटे भी। पिछले साल जून में 43.76 एमयू सर्वाधिक मांग थी। लेकिन, इस साल मई में यह रिकार्ड टूट गया था। पांच जून को तो मांग 46.34 एमयू पहुंच गई।