देहरादून। राज्य विधानसभा में गत दिवस हुए घटनाक्रम को देखते हुए राज्यपाल केके पॉल ने सीएम हरीश रावत सरकार को 28 मार्च तक विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा है। राज्यपाल ने इस संबंध में सीएम को पत्र लिखा है। वहीं, डा. हरक सिंह रावत को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में राज्य सरकार ने प्रदेश के महाधिवक्ता उमाकांत उनियाल को हटाने का निर्णय लिया है, उमाकांत उनियाल कांग्रेस के बागी विधायक सुबोध उनियाल के भाई हैं।
सत्ताधारी कांग्रेस के नौ विधायकों के बागी होने से राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है। कांग्रेस के यह बागी विधायक भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में हैं। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि कांग्रेस के छह और विधायक बागी हो सकते हैं, इससे कांग्रेस के बागी विधायको की संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी। वहीं, मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार कह रहे हैं कि उनकी सरकार के पास बहुमत है। उनका यह भी कहना है कि कांग्रेस के नौ बागी विधायकों में से पांच उनके संपर्क में हैं। सीएम हरीश रावत कह चुके हैं कि यदि विपक्ष को उनकी सरकार के बहुमत में होने पर शंका है तो वह विधानसभा में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएं। वैसे वह इस्तीफा नहीं देंगे। इस पर राज्यपाल ने सीएम को पत्र लिखकर 28 मार्च तक विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा है।
वहीं, डा. हरक सिंह रावत को राज्य मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है। राज्यपाल केके पॉल ने हरक सिंह को मंत्रिमंडल से निकालने की मंजूरी दे दी है। मुख्य सचिव शुत्रघ्न ने इसके निर्देश दिए हैं। राज्य कैबिनेट की बैठक में राज्य के महाधिवक्ता यूके उनियाल को हटाने का फैसला लिया गया। यूके उनियाल बागी विधायक सुबोध उनियाल के भाई हैं।