लखनऊ। विधान परिषद सभापति रमेश यादव के बेटे अभिजीत (21) की रविवार को दारुलशफा बी ब्लाक स्थित विधायक निवास में गला घोंटकर हत्या कर दी गई। वारदात को अंजाम अभिजीत की मां मीरा ने दिया था। पुलिस के मुताबिक, बेटे अभिजीतकी हत्या के बाद मीरा ने घटनास्थल (कमरे) से साक्ष्य मिटाने की कोशिश की थी।इससे पहले फोरेंसिक टीम जब साक्ष्य संकलन के लिए पहुंची तो मीरा ने उनसे नोकझोंक शुरू कर दी। कमरे से मिले पान मसाले के पाउच, कागज के टुकड़े और फर्श पर पड़ी टूटी बटन को मीरा ने फेंकने का प्रयास किया था। यह कहना है एएसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र का। पुलिस को अभिजीत और मीरा के बीच संघर्ष के भी साक्ष्य मिले हैं। एएसपी पूर्वी ने बताया कि फोरेंसिक टीम साक्ष्य संकलन कर रही थी। इस बीच मीरा बेड पर बिछी चादर उठाकर भागी और उसे झाड़ने लगी। मीरा ने चादर धुलने का भी प्रयास किया। पुलिस कर्मियों ने मीरा से चादर लेकर बेड पर फिर बिछा दी। फोरेंसिक टीम को चादर पर चार जगहों पर खून के धब्बे मिले। टीम के मुताबिक धब्बे वह करीब आठ से 10 घंटे पहले के रहे होंगे। टीम ने धब्बों वाले स्थान को पेन से गोला खींचकर उस पर ए-बी-सी-डी बना दिया और चादर को कब्जे में ले लिया।टीम ने कमरे में पड़ा सोफा हटाया और बेड खिसकाया तो पान मसाले के पाउच और कागज के कुछ टुकड़े और शर्ट की टूटी हुई बटन मिली। फोरेंसिक टीम ने उन्हें ले लिया। यह देख मीरा ने फोरेंसिक टीम से वह सब छीन लिया और बाहर फेंकने का प्रयास किया। विरोध पर फोरेंसिक टीम और पुलिस अधिकारियों से नोकझोंक करने लगी। पुलिस अधिकारियों ने महिला थाने की इंस्पेक्टर शारदा चौधरी और महिला पुलिस कर्मियों को बुलाया। पुलिस अधिकारियों ने मीरा को समझा कर मसाले के पाउच और कागज के टुकड़े कब्जे में लेकर जांच के लिए रख लिए। वहीं, पुलिस ने कमरे को सील करने की बात कही तो मीरा ने मना कर दिया।तड़के विधायक आवास में अभिजीत की मौत के बाद पुलिस को दोपहर सोशल मीडिया पर मैसेज चलने पर जानकारी हुई। जब परिवारीजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए रवाना हो गए। सोशल मीडिया पर चले मैसेज को आलाधिकारियों ने संज्ञान में लेकर हजरतगंज पुलिस को फटकार लगाई। इसके बाद पुलिस ने तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमॉर्टम कराया और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई।