किसानों और मजदूरों का पतन चाहती हैं मौजूदा सरकार

आगरा । भारत के पंचायती संगठनों से जन्मी ’भारतीय पंचायत पार्टी’ देश के ग्रामीण, पिछड़े व युवा वर्ग के बूते, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर, अपनी सरकार बनाने का दावा कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भू-अधिग्रहण बिल में संसोधन के जनक कहे जाने वाले नरेश यादव जी का मानना हैं कि केंद्र व राज्य की मौजूदा सरकारें किसानों, मजदूरों और पिछड़े वर्ग के पतन की दिशा में कार्य कर रही हैं, लिहाजा देश को युवा मष्तिष्क के साथ एक नए नेतृत्व की जरूरत हैं। हमसे हुई बातचीत में नरेश यादव जी ने पार्टी की आगामी योजनाओं पर खुलकर बात की। …पेश हैं उनके साक्षात्कार से जुड़े कुछ प्रश्नों के अंश… प्रश्नः बीपीपी बनाने की जरूरत क्यों लगी या क्या कारण रहे जिन्होंने नई पार्टी बनाने के लिए प्रेरित किया? उत्तरः- आज़ादी से लेकर आज तक जो दुर्दशा किसानों, मजदूरों, गाँवों व पंचायतों की थी आज भी जस की तस बनी हुई है। इन समस्याओं के समाधान के लिए भारतीय पंचायत पार्टी का गठन किया गया ळें प्रश्नः केंद्र सरकार को किन पहलुओं पर गलत समझते हैं? उत्तरः- केंद्र सरकार ने आज़ादी से लेकर आज तक भारत के गाँवों की मूलभूत सुविधाओं के अनुसार कोई काम नहीं किया। प्रदेश व केंद्र सरकारों ने न जाने कितने बजट पास नहीं किए जिससे देश के गाँव जिनमें 80 प्रतिशत लोग निवास करते हैं, विकास में बहुत पीछे छूट गए, इसकी जिम्मेदार भाजपा-कांग्रेस दोनों सरकारें हैं। प्रश्नः आम आदमी पार्टी आज भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी हुई हैं। इस मामले में बीपीपी को कितना समय लग सकता हैं? उत्तरः- आम-आदमी पार्टी भी पूर्व की पार्टियों की तरह ही सिर्फ दिल्ली में ही रह कर सिमट गई है। पार्टी के पास कोई भी लक्ष्य नहीं है। भारतीय पंचायत पार्टी के साथ त्रिस्तरीय पंचायतो के लगभग 6 लाख 38 हज़ार गावों के लोग, पंचायत संगठन, किसान संगठन, मजदूर संगठन, युवा संगठन, माइनोरिटी व मुस्लिम आदिवासी व सभी धर्मो की पार्टी है और आगामी पांच राज्यों के चुनावों में ही भारतीय पंचायत पार्टी राष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त कर लेगी। प्रश्नः चुनावों के वक्त कई नई पार्टियों का जन्म होता हैं लेकिन चुनाव बीतते ही ये पार्टियां अपने अस्तित्व की तलाश में जुट जाती हैं। आप क्या समझते हैं? उत्तरः- चुनावों के वक़्त नई पार्टियाँ जाति व धर्म के नाम पर पैदा होती हैं। चुनावों के बाद मुख्य पार्टियों में घुल मिल जाती है क्योंकि मुख्य पार्टियाँ एक ही विचारधारा पर काम कर रही है, सिर्फ मुद्दे बदलते रहते हैं। भारतीय पंचायत पार्टी सर्व समाज की पार्टी है। ग्राम विकास देश विकास के मुद्दे पर देश के पांच राज्यों में चुनाव लड़ रही है। प्रश्नः देश का चुनावी माहौल कुछ ऐसा हैं कि एक तरफ बीजेपी और दूसरी तरफ पूरा विपक्ष? आपको लगता हैं कि विपक्ष जिस एकजुटता की बात करता है उससे भाजपा पर कुछ असर पड़ने वाला हैं क्योंकि हमने पहले महागठबंधन का हाल भी देखा हैं? उत्तरः- विपक्षी पार्टियां विपक्ष की भूमिका निभाने में नाकाम रही हैं क्योंकि काफी लोग कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में सांसद चुने गए है। दोनों दलों की समान मानसिकता के कारण ही एक मजबूत विपक्ष नहीं है। ग्राम स्वराज, किसानों का विकास, युवाओं को रोजगार, मजदूरों की मजदूरी, महिला सशक्तिकरण व शिक्षा के मुद्दे पर देश बहुत पिछड़ा हुआ है एवं एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए व अबकी बार गाँव की सरकार बनाने के लिए देश की जनता एवं पंचायतें सहयोग कर रही हैं तथा भारतीय पंचायत पार्टी आज एक मजबूत विपक्ष बन चुका है। प्रश्नः अमित शाह की विपक्षी नेताओं को भाजपा में शामिल किए जाने की नीति को आप किस प्रकार देखते हैं? उत्तरः- समान विचारधारा के लोग ही बीजेपी व कांग्रेस में है जिन्होंने हमेशा देश को कमजोर करने के लिए दोनों पार्टियों के नेता एक दुसरे में सम्मिलित हो रहे है। देश का विकास करने की बजाय देश का विनाश करने के लिए ये ताकतें काम कर रही हैं। दोनों दलों की समान मानसिकता के कारण ही आजादी से लेकर आज तक सत्ता का विकेंद्रीकरण नहीं हो पाया है जो सपना महात्मा गाँधी जी ने देखा था और देश की जनता से जो ग्राम स्वराज, समाजवाद का वादा किया था वह आज तक पूरा नहीं हो पाया है। प्रश्नः 7 क्या आपको नहीं लगता कि मोदी सरकार अपने खिलाफ होने वाले विरोधों से भी अपने लिए कुछ सकारात्मक चीज खोज लेती हैं? उत्तरः- मोदी जी ने देश के सारे नाकाम लोगों को अपने साथ एकजुट किया हुआ है। देश में आज जो राजनैतिक भ्रष्टाचार का केन्द्रीकरण हो चुका है, उसका परिणाम पूरा देश देख रहा है। देश में लोकतंत्र की जगह एकतंत्र का राज कायम है, जिसका परिमाण देश के पूर्व चीफ जस्टिस टी.एस.ठाकुर रो कर बयां कर चुके व सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जज देश को बचाने की बात कह चुके हैं। सीबीआई में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर उजागर हो चुके है। मंहगाई ,जीएसटी नोटबंदी ने देश की कमर तोड़ दी है। छात्र, किसान, जवान व मजदूर हर एक घंटे में चार लोग आत्महत्या कर रहे है। 2014 में जनता के सामने जो वादे किए गए थे सभी खोखले साबित हुए, इसके अलावा देश की सीमाएं भी कमजोर हो चुकी है। अंतराष्ट्रीय कूटनीति का एक पहलु यह भी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26 जनवरी के निमंत्रण को भी अस्वीकार कर दिया ये सब देश के चैकीदार मोदी जी के सकारात्मक पहलु हैं। प्रश्नः अगर बीपीपी भाजपा-कांग्रेस के समीकरणों को बिगाड़ने में कामयाब हो जाती है तो फिर पार्टी का अगला कदम क्या होगा? उत्तरः- भारतीय पंचायत पार्टी के प्रत्याशी पांचो राज्यों के विधानसभा चुनावों में निश्चित रूप से जीत दर्ज करने वाले हैं। कुछ राज्यों में आबादी के हिसाब से गाँव का विकास, शिक्षा, बेरोजगारी, किसान के लिए अनिवार्य शिक्षा, पीने के पानी का बिल लाया जाएगा व लोकसभा चुनावों में झूठे वादे करने वालों के खिलाफ अच्छे व सच्चे प्रत्याशियों को लड़ाक

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