देहरादून। निकाय चुनाव की मतदाता सूची में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां सामने आई हैं। लोकसभा-विधानसभा चुनाव में वोट डालने वाले हजारों मतदाताओं के नाम सूची से गायब थे। यह समस्या एकाध जगह नहीं, बल्कि शहरभर में रही। कई-कई जगह तो पूरे मोहल्ले के नाम गायब थे। इसके अलावा नाम में भी बड़े स्तर पर गलतियां सामने आईं। जिसके चलते शहरभर में तकरीबन 30-40 हजार मतदाता मतदान से वंचित रह गए। इसे लेकर कई जगह हंगामा भी हुआ। पुलिस ने बीच-बचाव कर मामला शांत किया।
आयोग ने अपनी बला डाली वोटरों के सिर
दून में बड़ी संख्या में वोटरों के नाम कटने की शिकायत जब जिला निर्वाचन अधिकारी एसए मुरुगेशन से की गई तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव की सूची अलग होती है और निकाय चुनाव की अलग। ऐसे में लोगों को अपने नाम को लेकर सजग रहना चाहिए था। हालांकि बड़ा सवाल यह रहा कि फिर बीएलओ और निर्वाचन आयोग की मशीनरी की क्या जिम्मेदारी है। क्या राज्य निर्वाचन आयोग भारत निर्वाचन आयोग की सूची के आधार पर नाम दर्ज नहीं कर सकता था। इस तरह की सजगता के अभाव में लोगों के पास वोटर कार्ड होने के बाद भी वह वोट नहीं कर पाए।
लिस्ट में खोजते रहे नाम
वार्ड संख्या नौ आर्यनगर क्षेत्र के सैकड़ों वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे। इन लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त कर निर्वाचन आयोग में शिकायत की बात कही है। आर्यनगर ब्लॉक दो निवासी अरविंद कौशिक, मंजू कौशिक आदि ने बताया कि उनके क्षेत्र के अधिकांश मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं। अधिवक्ता मान सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की लापरवाही के चलते कई ऐसे लोग भी हैं, जिनके आधे परिवार का नाम लिस्ट में है और आधे का नहीं। इसके अलावा जाखन, मालसी, आइटी पार्क सहित अन्य कई जगह भी कई लोग वोट डाले बिना बैरंग लौटे।
लोक-विस में किया मतदान, पर अब नाम नहीं
वार्ड नंबर 99 के अंतर्गत इंटर कॉलेज नकरौंदा में भी कमोबेश यही स्थिति रही। यहां चित्र विहार निवासी ओमप्रकाश कंडवाल, रेखा कंडवाल, प्रेमलता कंडवाल, लक्ष्मी नारायण सहित कई लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब थे। जबकि, इससे पहले वो लोकसभा व विधानसभा चुनाव में मतदान कर चुके हैं। इसी तरह बालावाला इंटर कॉलेज में प्रवीण कुमार सहित कई मतदाता, मतदाता सूची में अपना नाम खोजते रहे।
परिवार के एक सदस्य का नाम, बाकी का गायब
वार्ड 82 के तहत राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कारगी चौक में 36 वर्षीय विनीता देवी परिवार संग वोट डालने पहुंची थीं। लिस्ट में उनका नाम था पर पति व सास का नाम गायब था, जिसे लेकर उनका गुस्सा फूट पड़ा। यही नहीं वह खुद भी बिना मतदान किए वापस लौट गईं। निरंजनपुर आइटीआइ स्थित पोलिंग बूथ में भी कई लोगों के नाम लिस्ट से गायब थे।
इसी तरह की स्थिति राजकीय उच्चतर कन्या इंटर कॉलेज माजरा में दिखी। जिस पर भाजपा प्रत्याशी आफताब आलम ने आरओ के समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त की। इसी तरह तेग बहादुर रोड निवासी गौरी उनियाल, प्रभा पाठक, मोहन पाठक और समर वैली स्कूल में शाहनवाज खान व उनके परिवार के अन्य सदस्यों का नाम लिस्ट से गायब था।
वोटर लिस्ट से मोहल्ले के मोहल्ले गायब
आरकेडिया ग्राम सभा की पूर्व उप प्रधान गीता बिष्ट ने मतदाता सूची में भारी अनियमितता का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि मोहनपुर, स्मिथ नगर, कृष्णा विहार, राघव विहार, सरिता विहार, श्यामपुर, केहरी गांव, मिट्ठीबेहड़ी व पीतांबरपुर में करीब डेढ़ हजार मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।
कंट्रोल रूम में पहुंची शिकायतें
कंट्रोल रूम में मतदाता सूची से नाम गायब होने, गलत होने, वार्ड बदल जाने की शिकायतों का सिलसिला चला तो शाम पांच बजे तक फोन घनघनाते रहे। 200 फोन कॉल में से 70 फीसद शिकायतें मतदाता सूची को लेकर थीं।