दून मेडिकल कॉलेज में ‘नेशनल इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट कोर्स’ के लिए स्किल सेंटर की होगी स्थापना

देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज अब चिकित्सक, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को आपदा एवं अन्य आकस्मिक दुर्घटनाओं से निपटने के लिए तैयार करेगा। आपदा के लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड में प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने का किसी भी मेडिकल कॉलेज का यह अपनी तरह का पहला कदम है। इसके लिए स्किल सेंटर की स्थापना की जा रही है। जिसकी कवायद शुरू कर दी गई है।

मेडिकल कॉलेज में ‘नेशनल इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट कोर्स’ को बढ़ावा देने के लिए स्किल सेंटर की स्थापना होगी। इसके लिए अकादमिक एवं प्रशासनिक भवन की छत पर जगह चिह्नित की गई है। स्किल सेंटर की स्थापना के लिए भारत सरकार के प्रतिनिधियों स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. वीके चौधरी, सफदरजंग अस्पताल से मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. समीर गुलाटी व सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो नई दिल्ली के वरिष्ठ वास्तुकार राजीव कनौजिया ने जगह का निरीक्षण किया।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि स्किल सेंटर का मुख्य उद्देश्य राज्य के चिकित्सकों, नर्सिग व पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित करना है। जिससे भविष्य में होने वाली आपदा व आकस्मिक घटनाओं से निपटने के लिए उन्हें बेहतर ढंग से तैयार किया जा सके। स्किल सेंटर के लिए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एमके पंत को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
आभासीय स्थिति में प्रशिक्षित होगा स्टाफ 
आपदा और आकस्मिक घटनाओं से निपटने के लिए डॉक्टर और नर्सिग व पैरामेडिकल को तैयार किया जा सके, इस बावत एक महत्वपूर्ण कदम और उठाया गया है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर का गठन किया गया है। एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत को अध्यक्ष व दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना को इसका सचिव नामित किया गया है।
डॉ. सयाना ने बताया कि इस संस्था का मूल उद्देश्य विभिन्न आपदाओं व सड़क दुघर्टनाओं के दौरान चोटिल मरीजों के इलाज के लिए गाइडलाइन बनाना है। इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय मानकानुसार चिकित्सकों और नर्सिग और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार कर बैचवार ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत आभासीय स्थिति तैयार कर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रथम चरण में एम्स ऋषिकेश में उपलब्ध संसाधनों एवं स्किल सेंटर से चिकित्सकों और नर्सिग व पैरामेडिकल स्टाफ को भिज्ञ कराया जाएगा। राज्य के प्रत्येक अस्पताल के कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन द्वारा अन्य विभागों व एनजीओ से समन्वय स्थापित कर आपदा, सड़क दुर्घटनाओं व गंभीर आपातकालीन स्थिति से संबंधित प्राथमिक उपचार, देखभाल आदि की जन उपयोगी गाइडलाइन तैयार की जाएगी।

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