कांग्रेस के पूर्व विधायक पांडुरंग मडकाईकर के गोवा भाजपा में शामिल होने के चलते दो केंद्रीय मंत्रियों मनोहर पर्रिकर एवं श्रीपद नाईक के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। नाईक ने दावा किया कि इस बारे में उनसे विचार विमर्श नहीं किया गया। नाईक ने आज कहा, ‘‘मडकाईकर को पार्टी में शामिल किए जाने की मंजूरी का फैसला लेने से पहले मुझसे विचार विमर्श नहीं किया गया। मैं इस फैसले के पक्ष में नहीं था।’’
नाईक के पुत्र सिद्धेश को कुम्भरजुआ विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिलने की उम्मीद थी और भाजपा में शामिल होने से पहले मडकाईकर इसी क्षेत्र से प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ऐसे में नाईक जाहिर तौर पर निराश हैं। मडकाईकर पिछले सप्ताह पार्टी में शामिल हुए, जिसके बाद पर्रिकर ने कुम्भरजुआ विधानसभा क्षेत्र में आयोजित ‘विजय संकल्प रैली’ में अपने संबोधन में यह साफ कहा था कि तीन बार के विधायक रहे मडकाईकर भाजपा के टिकट पर इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।
बहरहाल, रविवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए पर्रिकर ने दावा किया कि ‘‘जहां तक नाईक का सवाल है तो मडकाईकर को शामिल करने का फैसला लेने से पहले उन्हें पूरी तरह विश्वास में लिया गया था।’’ बहरहाल, केंद्रीय आयुष मंत्री नाईक ने दावा किया कि उनसे सिर्फ औपचारिकता के तौर पर विमर्श किया गया था। उन्होंने कहा कि फैसला किए जाने के बाद उन्हें सूचित किया गया था। नाईक ने कहा, ‘‘इस तरह से किसी को पार्टी में शामिल किया जाना पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं इस मामले को दिल्ली में पार्टी नेताओं के समक्ष उठाउंगा।’’ कांग्रेस में शामिल होने के लिए मडकाईकर ने भाजपा छोड़ी थी और पिछले सप्ताह कांग्रेस छोड़ते समय यह दावा किया कि गोवा में कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है।